राजद से आने लगी फूट की बू, क्या पार्टी को संरक्षण देने में तेजस्वी यादव होंगे कामयाब।

बिहार विधान परिषद चुनाव से पहले ही राजद में बगावत की स्थिति नजर आने लगी है। प्रत्याशियों के नाम की घोषणा होने के साथ ही एक-एक कर पार्टी के कई नेता विरोध प्रकट करने लगे हैं।

पार्टी को मजबूत कैसे कर रहे हैं तेजस्वी….

स्थिति बेकाबू हो जाए इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चूड़ी कसने का बीड़ा उठा लिया है। विरोधी स्थिति पैदा करने वाले राजद के नेताओं पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि राजद में अनुशासन से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। राजद ने वामदलों के साथ मिलकर सभी 24 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं।

राज्य में जातिगत जनगणना की अहमियत नहीं समझ रही सरकार।

राजद कार्यालय में जगदानंद सिंह, वृषिण पटेल, तनवीर हसन, शक्ति सिंह यादव, एजाज अहमद, मदन शर्मा एवं चंदेश्वर प्रसाद के साथ प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर राज्य सरकार पर टालमटोल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को विधानमंडल के दोनों सदनों ने सर्वसम्मति से पारित कर दिल्ली भेजा था। स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी वादा किया था कि केंद्र यदि नहीं कराएगा तो राज्य सरकार अपने खर्चे से कराएगी। यह राष्ट्रहित में है। तेजस्वी ने कहा कि सरकार की नीयत ठीक नहीं दिख रही । केंद्र सरकार के इन्कार के बाद मुख्यमंत्री को पहल करनी चाहिए थी।

राज्य का संचालन कर रहे हैं माफिया….

उन्होंने कहा कि बालू माफिया और प्रशासन के लोग गरीबों को बंधक बनाना शुरू कर दिए है। गया जिला की घटना शर्मसार करती है। लगता है कि बिहार में माफिया की सरकार चल रही है। अस्पतालों का हाल बुरा है। सफाईकर्मी ही आपरेशन कर रहे हैं। आईसीयू में कुत्ता रहता है। वह इसे सदन में उठाएंगे। सरकार से पूछेंगे कि क्या ऐसे ही बिहार चलेगा। इस दौरान बल्ली यादव और अशोक यादव भी मौजूद थे।