पटना: विधानसभा में सता पक्ष पर जमकर बरसे बिहार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव।

बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुधवार को बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपना पहला सवाल पूछा। उन्होंने बेरोजगारी और मनरेगा के गलत आंकड़े जारी कर जवाब देने का आरोप सरकार पर लगाया और तीखा हमला बोला। उन्होंने पूरक प्रश्न के जरिये सरकार के ही दिए उत्तर का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार के मुताबिक वर्ष 2021और 22 में 62 लाख 9 हज़ार लोगों ने काम मांगा और 99.81 प्रतिशत लोगों को काम दे दिया, लेकिन सरकार का ही रियल टाइम डाटा कह रहा है कि केवल 45 लाख 67 हजार लोगों को ही काम मिला। तो फिर 62 लाख लोगों का डाटा कहां से आया? सरकार की ही वेबसाइट पर सिर्फ 14 हजार पांच सौ 90 लोग ही 100 दिन का काम पूरा कर पाए। सरकार से जानना चाहता हूं कि डाटा किसने दिया? उस अधिकारी को अभी बुलाइए और पूछिए। इसे मुद्दे को विपक्ष के कई अन्य सदस्यों ने भी लपक लिया और सदन में हंगामा हुआ।

अधिकारियों ने गुमराह किया तो करेंगे कार्रवाई

विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने शोर-शराबा कर रहे सदस्यों को शांत कराते हुए कहा कि सरकार गंभीरता से जवाब दे रही है। पहले जवाब सुनिए। इस पर ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जो सवाल किया था, उसका मैंने सही जवाब दिया था। अगर उनको शंका है कि मैंने गलत आंकड़ा पेश किया है और हमारे अधिकारियों ने हमें गुमराह किया है तो एक सप्ताह में उसकी जांच कर दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई कर सदन को अवगत कराएंगे।

रोजगार के गलत आंकड़े बता रही सरकार

इस पर तेजस्वी कहा कि रोजगार के फर्जी आंकड़े से सरकार जवाब दे रही है। यह गंभीर मामला है। नेता प्रतिपक्ष ने आसन से अनुरोध किया कि इस प्रश्न को स्थगित कर दिया जाए। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जब सरकार सजग होकर एक सप्ताह में जांच कर चलते सदन में जानकारी देने के लिए तैयार है तो इसको स्थगित नहीं किया जा सकता है। इस पर तेजस्वी यादव ने कहा प्रधान सचिव को अपने चेंबर में बुलाइये और मुझे भी बुलाइये सब कुछ साफ हो जाएगा। तब मंत्री श्रवण कुमार ने कहा एक सप्ताह धैर्य रखिए और नेता प्रतिपक्ष चाहेंगे तो मैं उनके चेंबर में भी आकर मिल लेंगे।