नीतीश दिल्ली के गद्दी तक का सफर UP के रास्ते तय करेंगे! जानिए क्या हैं संकेत

राजनीति में कहा जाता है कि लोकसभा का रास्ता यूपी से होकर जाता है। लगता है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इसी मंत्र को अपनाने का मन बना चुके हैं। ऐसी खबरें आ रही हैं कि नीतीश कुमार ने 2024 के चुनाव में यूपी से ताल ठोकने का मन बनाया है। नीतीश के प्रयागराज के फूलपुर या फिर मिर्जापुर सीट से अगला लोकसभा चुनाव लड़ने के संकेत मिले हैं। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की बातों ने भी इस सियासी अटकलबाजी को हवा दे दिया है। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया है कि भले ही नीतीश खुद को पीएम पद की रेस से बाहर बताते हों, लेकिन अंदरखाने उनकी तैयारी चल रही है।

जानिए क्या कहा ललन सिंह ने

गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने मिशन 2024 को लेकर एक्टिव मोड में हैं। बिहार में भाजपा का साथ छोड़ने के बाद से ही उन्होंने दिल्ली में विपक्ष के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की। उधर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने शनिवार को कुछ ऐसा कहा जिसने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। ललन सिंह ने हालांकि स्पष्ट तौर पर नीतीश के चुनाव लड़ने की बात नहीं कही, लेकिन उन्होंने इंकार भी नहीं किया। ललन सिंह ने कहा कि उन्हें यूपी की कई सीटों से चुनाव लड़ने के लिए ऑफर हैं। उन्होंने कहा कि फूलपुर और मिर्जापुर के पार्टी कार्यकर्ता भी चाहते हैं नीतीश वहां से दावेदारी पेश करें। अब यह सीएम की इच्छा पर है कि वह कहां से चुनाव लड़ेंगे।

ऐतिहासिक सीट है फूलपुर, जातीय समीकरण ऐसा
बता दें कि फूलपुर उत्तर प्रदेश की बेहद हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती है। यहां से भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू तीन बार सांसद चुने गए थे। इसके अलावा कई अन्य बड़े नाम भी इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। फिलहाल यहां से भाजपा की सांसद केशरी देवी पटेल सांसद हैं। इस सीट से नीतीश अगर चुनाव लड़ते हैं उन्हें जातीय समीकरण का भी लाभ मिलेगा। फूलपुर सीट के कुल 18 लाख वोटरों में से 17 प्रतिशत मतदाता पटेल (कुर्मी) समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। अगर सपा उन्हें सपोर्ट करती है तो उन्हें यादव और मुस्लिम वोटरों का भी साथ मिल सकता है।

नीतीश साधेंगे कई निशाने


अगर नीतीश फूलपुर से चुनाव लड़ते हैं तो वह यहां से करीब 100 किमी दूर वाराणसी पर भी असर डाल सकते हैं। वहीं मिर्जापुर भी बनारस से ही लगा हुआ है। गौरतलब है कि पीएम मोदी पिछले दोनों चुनाव वाराणसी से जीत चुके हैं। ऐसे में नीतीश उनकी करीबी सीटों से दावा ठोंककर बीजेपी का खेल बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं। गौरतलब है कि नीतीश बीते कुछ दिनों से लगातार विपक्ष को एकजुट करने में लगे हुए हैं। इस कड़ी में उन्होंने राहुल गांधी, अखिलेश यादव, ओम प्रकाश चौटाला, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार आदि से मुलाकात कर चुके हैं।