बस पर सियासत: रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने अपनी ही पार्टी पर उठाए सवाल, कहा- ये क्रूर मजाक है.

उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों की 1000 बसों से घर भेजने को लेकर सियासत गर्म है. इस मामले में कांग्रेस पार्टी और यूपी सरकार के बीच लेटरवार जारी है. यही नहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा लगातार योगी सरकार पर हमलावर हैं और एक के बाद एक ट्वीट कर सरकार को असंवेदशील करार दे रही हैं. इस बीच रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने अपनी ही पार्टी को पूरे मसले पर कटघरे में खड़ा कर दिया है. अदिति सिंह ने न सिर्फ इसे निम्न सियासत करार दिया है, बल्कि उन्होंने राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र में बसें नहीं लगाने पर सवाल किया है?

पार्टी के रुख की कड़ी आलोचना

.रायबरेली से कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने ही इस पूरे मसले पर अपनी पार्टी के रुख की कड़ी आलोचना की है. अदिति सिंह ने कहा है कि ये क्रूर मजाक है. इससे पहले भी अदिति सिंह ने पार्टी के खिलाफ कई बार बयान दे चूकी हैं।

राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई बस

अदिति सिंह ने ट्वीट में लिखा है, ‘आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत, एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई

अदिति सिंह ने ट्वीट किया है, “आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत, एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई.”