बिहार की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय जनता दल नंबर दो वाली भारतीय जनता पार्टी की शुरू की परंपरा को आगे बढ़ाएगा। भाजपा के बाद जनता दल यूनाइटेड और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने भी यह परंपरा शुरू की थी। इसके तहत राजद की ओर से बिहार सरकार में शामिल मंत्री पार्टी के प्रदेश कार्यालय में बैठकर लोगों की समस्याएं और शिकायतें सुनेंगे।
मुख्यमंत्री के जनता दरबार से प्रेरित हो के की सुरुवात …..
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई साल पहले आम लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं, शिकायतें और सुझाव सुनना शुरू किया था। वह हर सोमवार को पटना में आम लोगों से मिलते हैं। इस कार्यक्रम का नाम ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री रखा गया है। पहले इसे मुख्यमंत्री का जनता दरबार भी कहा जाता था। यहां मुख्यमंत्री से मिलने के लिए पहले से रजिस्ट्रेशन कराना होता है। सीमित लोगों को मुख्यमंत्री से मिलने का मौका मिल पाता है।
सीएम से नहीं मिल पाने वालों को अपनी शिकायत रखने का एक और मंच मिलेगा….
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में ढेरों लोग अपनी शिकायत नहीं पहुंचा पाते थे। इसे देखते हुए भाजपा ने पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में हर रोज आम लोगों की शिकायतें सुनने का कार्यक्रम शुरू किया। इसमें भाजपा कोटे के सभी मंत्री अलग-अलग निर्धारित दिवस को लोगों से मिलते थे। बाद में जदयू प्रदेश दफ्तर में भी ऐसा ही कार्यक्रम शुरू कर दिया गया। हालांकि, बिहार में सरकार से बाहर होने के बाद भाजपा का यह कार्यक्रम बंद हो गया है।
अब राजद के मंत्री भी सुनेंगे लोगों की समस्याएं….
जदयू के मंत्रियों की तर्ज पर राजद के मंत्री भी राजद प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याओं को सुनेंगे। मंगलवार से यह कार्यक्रम आरंभ होगा। सुबह 11 बजे से शाम तीन बजे तक राजद के मंत्री राजद कार्यालय में उपलब्ध रहेंगे। राजद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जनता दरबार के पहले दिन राजस्व एवं भमि सुधार मंत्री आलोक मेहता तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री इसराइल मंसूरी राजद कार्यालय में मौजूद रहेंगे।
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