सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में हाल ही में संपन्न हुए नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई दो हफ्तों के लिए टाल दिया…

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में हाल ही में संपन्न हुए नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई दो हफ्तों के लिए टाल दिया है। बिहार सरकार द्वारा मामले में जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय मांगा है, जिसके कारण जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ के समक्ष सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी गई है। सुप्रीम कोर्ट अब दो हफ्ते के बाद इस मामले पर सुनवाई कर सकता है।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि बिहार सरकार ने आरक्षण के बारे में बिना कुछ सोचे समझे नगर निकाय चुनाव कराया है। इस याचिका में यह भी कहा गया है कि जब सुप्रीम कोर्ट पहले ही अति पिछड़ा वर्ग के राजनीतिक पिछड़ेपन को निर्धारित करने के लिए बनाये डेडिकेटेड कमीशन के काम पर रोक लगा चुका है। तो ऐसे में उसी कमीशन की रिपोर्ट को आधार बनाकर चुनाव आयोग का नोटिफिकेशन जारी करना कोर्ट की अवमानना है।

बता दें कि पटना हाई कोर्ट की तरफ से नगर निकाय चुनाव पर रोक लगाने के बाद बिहार सरकार की तरफ से अक्टूबर के महीने में अति पिछड़ा वर्ग आयोग गठित किया गया। 2 महीने के भीतर कमेटी अपना रिपोर्ट सरकार को देती, इससे पहले ही यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी को डेडिकेटेड मानने से इनकार कर दिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी सरकार उसी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने की अनुशंसा कर दी और चुनाव संपन्न करा लिए गए।