जनता दरबार में पहुंचे फरियादियों को आश्वस्त करते दिखे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज 4, देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए। ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 159 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।




आज जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, वित्त विभाग, संसदीय कार्य विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग श्रम संसाधन विभाग तथा आपदा प्रबंधन विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी। 



वैशाली की एक महिला ने आंगनबाड़ी सेविका के चयन में अनियमितता के संबंध में शिकायत की, तो वहीं सुपौल के एक व्यक्ति ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके शिक्षक पिताजी की मृत्यु 15 वर्ष पहले हो गई थी। इतना लंबा समय गुजर जाने के बावजूद भी अनुकंपा पर किसी की बहाली नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

अरवल से आयी एक महिला ने मुख्यमंत्री से फरियाद करते हुए कहा कि वर्ष 2010 में अरवल जिले में पंचायत शिक्षिका के रूप में हमारी नियुक्ति हुई थी लेकिन वर्ष 2016 में मुझे नौकरी से हटा दिया गया। वहीं मधेपुरा के एक युवक ने जननायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में विज्ञापित पदों पर बहाली की प्रक्रिया पूर्ण करने के संबंध में अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मधेपुरा के एक छात्र ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड के ऋण के भुगतान में बैंक द्वारा समय से पहले तथा अधिक ब्याज दर पर उन्हें ऋण भुगतान करने को कहा गया है। वहीं कटिहार के एक व्यक्ति ने मदरसा कमिटी में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत करते हुए जांच कराने की मांग की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मुंगेर की एक छात्रा ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि हमने 2019 में ही स्नातक की परीक्षा पास की लेकिन आज तक मुझे स्नातक प्रोत्साहन योजना की राशि नहीं मिली है। वहीं शेखपुरा की एक छात्रा ने इंटर प्रोत्साहन योजना की राशि नहीं मिलने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने की कई छात्र छात्राओं की शिकायत आई है, इन्हें जल्द से जल्द राशि भुगतान कराएं। दरभंगा जिला से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे पिताजी की मृत्यु कोरोना संक्रमण से वर्ष 2021 में हुयी लेकिन अब तक किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

बेगूसराय के एक खिलाड़ी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि वर्ष 2018 से लगातार राइफल शूटिंग में स्टेट, जोनल एवं ऑल इंडिया जी०वी० मूलंकर गोल्ड मेडल तक जीत चुके हैं। मेरी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है इसलिए मैं आगे नहीं खेल पा रहा हूं। मुख्यमंत्री ने कला, संस्कृति एवं युवा विभाग को इनकी समस्या के निदान करने का निर्देश दिया।

दरभंगा से आयी एक लड़की ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कि मेरे पिताजी की कोरोना संक्रमण के कारण वर्ष 2020 में पी०एम०सी०एच० में मृत्यु हो गई थी। लेकिन अभी तक उनका मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है, जिसकी वजह से अब तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। वहीं कैमूर के एक युवक ने शिकायत करते हुए कहा कि मेरे पिताजी की मृत्यु कोरोना संक्रमण की वजह से हो गई थी लेकिन अब तक मुआवजा राशि नहीं मिल पाया है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मुंगेर के एक व्यक्ति ने दिव्यांग पेंशन की बकाया राशि नहीं मिलने की शिकायत की तो वहीं छपरा की एक महिला ने विधवा पेंशन नहीं मिलने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। 

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। प्रधानमंत्री द्वारा मुख्यमंत्री को सच्चा समाजवादी बताये जाने के संबंध में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये उनकी कृपा है कि उन्होंने ये बात कही। आप सब जानते हैं कि हम सबलोग लोहिया जी के ही शिष्य हैं। ये बात सही है कि समाजवाद का निर्माण उन्होंने किया, समाज को चलाया। हमलोग कोई परिवारवाद नहीं करते हैं। हम सबदिन से यही कहते हैं कि पूरा बिहार एक परिवार है। कुछ लोग अपने घर के परिवार को ही परिवार कहते हैं और उसी परिवारवाद में रहते हैं, जहां समाजवाद खत्म हो जाता है। समाजवाद बड़ी बुनियादी चीज है। समाजवाद के मामले में सभी लोग एक परिवार हैं। हमलोग छात्र जीवन से ही राजनीति में हैं। उसी समय से समाजवाद से प्रभावित हैं। जो पहले से होता रहा है और आजकल जो हो रहा है, इसको देखते हुए प्रधानमंत्री ने यह बात कही है।


• विपक्ष द्वारा उठाए गए सवाल कि किसी कारणवश से किसी के परिवार का सदस्य राजनीति में नहीं आना चाहता हो, सिर्फ इतने से ही उसे सच्चा समाजवादी नहीं कहा जा सकता। पत्रकारों के इस प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, ये सब बेकार की बात है। प्रधानमंत्री जी, जो बोले हैं वो बहुत एक्यूरेट बात बोले हैं। पार्टी में और जो लोग हैं अगर उनको प्रतिष्ठा नहीं दे रहे हैं, केवल परिवार को प्रतिष्ठा दीजियेगा तो इसका मतलब आपको समाजवाद से मतलब नहीं है बल्कि परिवारवाद से मतलब है। राजनीति में किसी ने अपनी पत्नी, बेटे को आगे बढ़ा दिया तो क्या यही समाजवाद है? आपने मेहनत किया है, आप तक ठीक है। उसके बाद परिवार में से किसी को राजनीति में आगे बढ़ा दिया तो इसका कोई अर्थ नहीं है। यही बात प्रधानमंत्री जी बार-बार बोल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग राजनीति में अपने परिवार पर ही केंद्रित रहेंगे, ऐसा ज्यादा दिन नहीं चलेगा। एक समय आयेगा कि उनका कोई भविष्य नहीं रहेगा। ये अच्छी तरह से जान लें और ये कई जगहों से शुरू हो गया है। आप अगर राजनीतिक पार्टी चलाते हैं तो आपके साथ जिनकी सक्रियता है, उनलोगों के बीच से राजनीतिक पदों पर चयन होना चाहिये न कि परिवार से चयन होना चाहिए। जिनको कोई अनुभव नहीं है, जिनको कोई जानकारी नहीं है, आप सीधे उनको किसी पद पर रख देते हैं।

बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के संबंध में पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सब जानते हैं कि विशेष राज्य के दर्जा के लिये हमलोगों ने कितना बड़ा अभियान चलाया। इसके लिये कई जगहों पर सभायें हुई हैं, कितनी मीटिंग्स हुई हैं। हमलोग अपनी मांग रखे ही हुए हैं। हमलोग सब एन०डी०ए० सरकार का ही हिस्सा हैं। उस समय की जो केंद्र सरकार थी, उसने कमिटी भी बनायी और कुछ बात भी कही। अभी नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को सबसे पिछड़ा बताया गया है। उन्होंने कहा कि हमलोगों को वर्ष 2005 काम करने का मौका मिला है, तबसे कितना मेहनत किया और बिहार को कहां से कहां पहुंचाया। उसके बावजूद भी अगर बिहार पीछे है तो उसका कारण है कि हमारा क्षेत्रफल कम है लेकिन हमारी आबादी बहुत ज्यादा है। एक वर्ग किलोमीटर में जितनी आबादी बिहार में है, उतनी आबादी इस देश में कहीं भी नहीं है और शायद दुनिया में भी कहीं नहीं है। बिहार में विकास का दर बढ़ा है। प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है ये 2009 से ही रिपोर्ट आ रही है। बिहार में यहां की सरकार के द्वारा जो काम किया जा रहा उसके चलते प्रोग्रेस जरूर हुआ है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से यही फायदा होगा कि केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 90:10 होगी। अभी 60:40 तो कहीं-कहीं 50:50 है। 90:10 रहेगा तो राज्य का पैसा जो बचेगा वह विकास के और कामों में लगेगा। कुल मिलाकर आज जो स्थिति है उससे बहुत तेजी से राज्य आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार की तरफ से नीति आयोग को चिट्ठी भेजी गई है। जब इतना काम किया गया तब ये स्थिति है तो उस पर आपलोगों को सोचना होगा। सबलोगों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि जब हमलोगों को मौका मिला तो सड़क की क्या स्थिति थी, शिक्षा की क्या स्थिति थी, स्वास्थ्य की क्या स्थिति थी, विधि-व्यवस्था की क्या स्थिति थी, महिलाओं की क्या स्थिति थी, गरीब परिवार के लोगों की क्या स्थिति थी ? आज देख लीजिये इन सबमें कितना बदलाव आया है। बिहार की आबादी बढ़ी हुई है, हमलोग प्रजनन दर घटाने के लिए काम कर रहे हैं। महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है, जिससे प्रजनन दर घटेगा। जब हमलोगों की सरकार बनी तो प्रजनन दर 4.3 था अब घटकर 3 पर पहुंच गया है। यही स्थिति रही तो बहुत जल्द 5-6 साल के अंदर प्रजनन दर 2 पर पहुंच जायेगा। हमलोग सब काम कर ही रहे हैं और ऐसा भी नहीं है आगे नहीं बढ़ रहे हैं। जहां नीचे थे उससे बहुत आगे बढ़े हैं। प्रति व्यक्ति आय 8 हजार के करीब थी, जो अब बढ़कर 50 हजार पर पहुंच गयी लेकिन देश की औसत प्रति व्यक्ति सवा लाख से भी ऊपर है, उससे हमलोग नीचे हैं। केंद्र सरकार की भी कई योजनायें चल रही हैं। विकास का काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के और जो राज्य हैं, उस पर भी गौर कीजिए। हमलोग तो अपनी बात कहेंगे और अपना काम करते रहेंगे।

विशेष राज्य के दर्जे की मुहिम पर संसद में उठे सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सबका अपना-अपना विचार होता है। यह कोई व्यक्तिगत विचार नहीं है बल्कि यह जनहित में है, राज्य के हित में है। हमलोग तो काम कर रहे हैं। हम तो हमेशा बोलते रहते हैं कि लोगों की सेवा करना ही हमारा धर्म है। आप जरा देख लीजिये कि बिहार में किस प्रकार से काम हो रहा है। पहले और आज के वातावरण में कितना बड़ा फर्क है। यह दूसरी बात है कि हमलोग उतने भारी प्रचारक नहीं हैं। काम जरुर करते हैं लेकिन प्रचार उतना नहीं कर पाते हैं। हम तो आग्रह करेंगे कि वर्ष 2005 में जब हमलोगों को मौका मिला तो उस समय की राज्य की स्थिति और आज राज्य की स्थिति की तुलना कर लें यही सबसे अच्छा है।

• जातिगत जनगणना के मुद्दे पर हमलोगों की आपस में बातचीत तो हुई ही है। हमलोग मन बनाकर बैठे हुए हैं। हमलोग तो ऑल पार्टी मीटिंग करेंगे। केंद्र सरकार ने भी कहा ही है कि यदि कोई राज्य जातीय जनगणना करना चाहे तो करे। हमलोग इसी पर कह रहे हैं कि यहां पर सब लोग बातचीत करेंगे। जातीय जनगणना होने से सबको जानकारी हो जायेगी कि किस जाति की कितनी आबादी है। हमलोगों को सुधार के लिए क्या करना पड़ेगा। लोगों के विकास के लिए और उनके उत्थान के लिए क्या करना पड़ेगा, जो राज्य के हित में होगा किया जाएगा। इससे किसी भी जाति की उपेक्षा नहीं होगी। यह सब बात चली है और आपस में बातचीत भी हुई है।

हिजाब को लेकर मचे बवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वो सब बेकार की बात है। उस पर बोलने का कोई औचित्य नहीं है। इस मामले को लेकर लोग कोर्ट गये हैं। यहां के स्कूलों में सभी स्कूली बच्चे एक ही तरह के ड्रेस पहनते हैं। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया में कोई बात होती है, वह एक अलग बात है, बिहार में ऐसी कोई बात नहीं है। हमलोग तो काम करने में लगे हुए हैं। सबके लिए हमलोग काम करते हैं और सबकी इज्जत करते हैं। कुछ लोगों का अपना-अपना तरीका है तो हमलोग उसमे इंटरफेयर नहीं करते हैं। मूर्ति लगाना या अपने-अपने ढंग से पूजा करना, यह सबकी अपनी-अपनी मान्यता है। हमलोगों के हिसाब से इस पर बहस करने की कोई जरूरत नहीं है।