जानिए पटना में कहाँ कहाँ है – कंटेनमेंट जोन

पटना में लगातार कोरोना के मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है। कंटेनमेंट जोन की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। पटना के 44 इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। इन इलाकों में अनलॉक-वन या उससे पहले मिली हर तरह की छूट को वापस ले लिया गया है। कंटेनमेंट घोषित किए जा रहे क्षेत्रों में प्रतिबंध पूर्व की तरह जारी रहेंगे।

कंटेनमेंट जोन

  • चांदमारी रोड गली नंबर 2
  • बहुआरा ,गौरीचक।
  • वास्तु कौटिल्य नगर वार्ड नंबर 8 शास्त्री नगर।
  • पुष्पांजलि अपार्टमेंट बोरिंग रोड वार्ड नंबर 23
  • मीर गुलाबी बाग खजेकलां पटना सिटी
  • रूपसपुर दानापुर
  • बोधा चक परसा बाजार संपतचक
  • कोरियावां, जानीपुर ,फुलवारी शरीफ।
  • न्यू ताराचक दानापुर।
  • मर्चा मर्ची पटना सदर।
  • ए एम एस पार्क बोरिंग रोड।
  • कोल्ड सीडिंग, मोकामा
  • कासिम कॉलोनी सुल्तानगंज।
  • पीसी कॉलोनी कंकड़बाग
  • गायघाट आलमगंज
  • मोहनपुर मनेर
  • बिहारी बीघा पंडारक।
  • बुद्धा कॉलोनी पटना सदर
  • महाराजगंज, नौबतपुर।
  • चकियापर नौबतपुर।
  • अनंतपुर नौबतपुर।
  • मोतीपुर नौबतपुर।
  • सिल्वर गोपालपुर नौबतपुर।
  • कंचनपुर बिहटा।
  • बुद्धाचक अथमलगोला।
  • दौलतपुर अथमलगोला।
  • तीनेरी मसौढ़ी।
  • जनता फ्लैट बहादुरपुर, जयप्रभा।
  • नाथूपुर रोड चिल्ली बिल्ली कुरथौल फुलवारी शरीफ।
  • मैनपुरा पटना सदर
  • सराय सातर मनेर
  • रामजी चक दानापुर
  • सबजपुरा दानापुर
  • सिपारा फुलवारी शरीफ
  • ट्रांसपोर्ट नगर जयप्रभा।
  • सिमरा फुलवारी शरीफ
  • पुवागली मारूफगंज
  • छोटी खगौल मोती चौक दानापुर।
  • खाजेकला पटना सिटी
  • अशोक चक्र गली पटना सिटी
  • मुगलपुरा पटना सिटी
  • भवनपुरा फुलवारी शरीफ
  • एफसीआई फुलवारी शरीफ
  • कोसुत धनरूआ

जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि सभी जोन में प्रशासन ओर पुलिस के पदाधिकारियों को नोडल पदाधिकारी के रूप में नामित किया गया है। जिन इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है, वे अंतिम पॉजिटिव केस मिलने की तिथि के 28 दिन बाद मुक्त हो जाएंगे। इस बीच अगर उस क्षेत्र में फिर से कोई पॉजिटिव केस मिलता है, तो कंटेनमेंट मुक्त होने की गणना उस तिथि से प्रारंभ होगी।

क्या होता है कंटेनमेंट जोन

कन्टेनमेंट जोन वो इलाका होता है, जहां कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस मिले हों और प्रशासन को लगता है कि वहां से और संभावित मामले सामने आ सकते हैं। ऐसे में उस इलाके को सील किया जाता है। एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर पुलिस तैनात की जाती है।लोगों को वहां से आने-जाने की इजाजत नहीं होती है।इसका उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। ये कन्टेनमेंट जोन बिल्डिंग, हाऊसिंग सोसाइटी से लेकर स्लम पॉकेट और अस्पताल तक हो सकते हैं।

कंटेनमेंट जोन के तीन किलोमीटर के दायरो को पूरी तरह सील कर दिया जाता है। यहां किसी भी तरह की आवाजाही नहीं होती।