मानव श्रृंखला : हाथ से हाथ मिले और बन गया इतिहास

जल-जीवन-हरियाली के पक्ष और नशा, दहेज प्रथा और बाल विवाह के विरोध में आयोजित मानव श्रृंखला लक्ष्य सीमा को तोड़कर कोंसों आगे निकल गई। रविवार को 18034 किलोमीटर में बनी मानव श्रृंखला में पांच करोड़ 16 लाख 71 हजार 389 लोग शामिल हुए। मुख्य सचिव दीपक कुमार ने यह जानकारी दी। इसके साथ हीं बिहार की यह मानव श्रृंखला दुनिया में अब तक बनने वाली सबसे लंबी मानव श्रृंखला से 15 गुणा बड़ी है।

मानव श्रृंखला को सफल बनाने के लिए सीएम ने की थी अपील

इस मानव श्रृंखला को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी जल-जीवन-हरियाली यात्रा में सभी जिलों में लोगों से अपील की थी। सभी जिलों के कई स्थलों का उन्होंने भ्रमण किया था और 16 जगहों पर जागरूकता सम्मेलन को संबोधित किया था। इसके अलावा विभिन्न स्तर पर लोगों के बीच जागरूकता कार्यक्रम चलाये गए थे। इसी का परिणाम हुआ कि मौसम अनुकूल नहीं रहने के बाद भी मानव श्रृंखला में बढ़चढ़ कर पूरे उत्साह से लोगों ने भाग लिया। भाग लेने वालों में महिला-पुरुष, छात्र-छात्राएं, युवा, जीविका दीदी, शिक्षा सेवक, सामाजिक कार्यकता, आमलोग आदि शामिल थे।

तीन स्तर पर बनी श्रृंखला

मुख्य सचिव ने बताया कि मानव श्रृंखला तीन स्तर पर बनी थी। मुख्य और उप मार्ग पर 3.45 करोड़, वार्ड स्तर पर बनी श्रृंखला में 1.13 करोड़ और विद्यालयों में पहली से चौथी कक्षा के 57.77 लाख बच्चों ने भाग लिया। कुल संख्या 5.16 करोड़ है। मुख्य मार्ग की लंबाई 5156 किमी और उप मार्ग की 12878 किमी थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में नशामुक्ति को लेकर बनी श्रृंखला 11292 किमी थी, जिसमें 3.5 करोड़ लोग भाग लिये थे। वर्ष 2018 में बाल-विवाह और दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए बनी श्रृंखला 14 हजार किमी थी। 2017 में बिहार ने मानव श्रृंखला का बंगलादेश का रिकॉर्ड तोड़ा था।

सात हेलीकॉप्टर व 100 ड्रोन लगाए गए

मानव श्रृंखला की तस्वीर लेने के लिए राज्यभर में सात हेलीकॉपटर और 100 से अधिक ड्रोन का लगाए गए थे। जल-जीवन-हरियाली अभियान और मानव श्रृंखला को लेकर लोगों में जागरूकता लाने के लिए करीब 16 करोड़ खर्च हुए

मानव श्रृंखला के दौरान 2 की मौत

मानव श्रृंखला के दौरान दो भागीदारों की मृत्यु हृदयघात के कारण हो गई। इनमें दरभंगा केवटी के एक शिक्षक मो दाऊद हैं। वहीं समस्तीपुर में एक जीवीका दीदी की सास का निधन हो गया। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने कहा कि दोनों के परिवार को चार-चार लाख अनुदान देने का निर्देश जिलाधिकारी को दिया गया है। शिक्षक के परिवार नौकरी के दौरान मुत्यु होने पर मिलने वाली सारी सुविधाएं दी जाएंगी।