बिहार में संभावित बाढ़ को लेकर सजग है राज्य सरकार, CM नीतीश ने दिये कई निर्देश

बिहार हर बार प्राकृतिक आपदा का शिकार बनता है। वर्तमान में तो कोविड महामारी से देश‘-दुनिया जूझ हीं रही है, लेकिन बिहार को कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ की मार झेलनी पड़ती है। ऐसे में इस बार संभावित बाढ़ को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने पहले से की गयी तैयारियों का जायजा लिया और कई निर्देश दिये।

पढ़ें सीएम के निर्देश

  • मुख्यमंत्री के निर्देश- संभावित बाढ़ से बचाव की सारी तैयारियॉ पूर्व से ही रखें।
  • कोरोना संक्रमितों के लिये आइसोलेशन सेंटर्स चलाये जा रहे हैं। इनकी संख्या बढ़ानी पड़ सकती है।
  • बाढ़ प्रभावितों के लिये आपदा राहत केन्द्र बनाये जायेंगे। कोरोना संक्रमण को देखते हुये आपदा राहत केन्द्रों पर बाढ़ प्रभावितों को रखने में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखें। सोशल डिस्टेंसिंग के कारण बाढ़ प्रभावितों के लिये इस बार ज्यादा संख्या में आपदा राहत केन्द्र स्थापित करने होंगे।
  • आपदा राहत केन्द्रों पर लोगों के लिये चिकित्सा की व्यवस्था की जाय। राहत शिविरों में मेडिकल स्क्रीनिंग की व्यवस्था हो।
  • खाद्य एवं अन्य राहत सामग्रियों के दर का निर्धारण एवं आपूर्तिकर्ताआें का चयन निश्चित रूप से कर ली जाय। सभी प्रमण्डलीय आयुक्त इसका अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
  • बाढ़ के समय जीवन रक्षक दवाआें के साथ-साथ सर्पदंश एवं एंटीरेबिज की दवाओं की भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की जाय।
  • बाढ़ के दौरान पशुओं के लिये भी दवा एवं चारे की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। पशुचारे की दर निर्धारित की जाय। पशु शिविर संचालन के लिये भी सभी आवश्यक व्यवस्थायें पूरी कर लीं जाय। उनकी चिकित्सा की भी समुचित व्यवस्था की जाय।
  • पटना के साथ-साथ अन्य शहरों में भी बेसहारा पशुओं को रखने के लिये गौशालाओं की समुचित व्यवस्था की जाय। आवश्यकतानुसार गौशालाओं की क्षमता बढ़ायी जाय।
  • लोगों को राहत पहुॅचाने के लिये जो भी कार्य किये जाने हैं, संबंधित विभाग उसकी पूरी तैयारी पहले से कर लें। एस0ओ0पी0 के अनुसार सारी तैयारियॉ की जाय ताकि किसी को भी कठिनाई न हो।
  • हमारी चिंता आपदा पीड़ितों के लिए है। इनकी राहत के लिए जो भी संभव है, हर तरह की मदद ईमानदारी से करते हैं। सीमित संसाधन होने के बावजूद हर जरुरी मदद दी जाती है। सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा राशि की व्यवस्था हेतु सभी तैयारी पूर्व में ही कर ली जाय।
  • जलजमाव से निपटने के लिये नगर विकास विभाग सभी नगर निकायां को पर्याप्त आवंटन निर्गत करे। नगर निकायों में संसाधन की कमी नहीं होनी चाहिये।
  • नेपाल से जुड़ी लंबित योजनाओं को पूर्ण करने के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर समाधान करें।
  • पिछले वर्ष पटना में जलजमाव के कारण हुई परेशानी को देखते हुए इस वर्ष विशेष तैयारी रखें और सतर्कता बरतें। क्षेत्र विशेष की आवश्यकताओं के अनुरुप जलजमाव को रोकने हेतु सभी आवश्यक कदम उठायें। रेन वाटर हार्वेस्टिंग की तर्ज पर ग्राउंड वाटर रिचार्ज हेतु समुचित कार्रवाई करें।
  • गंगा नदी में जलस्तर ऊंचा होने पर फ्लड की स्थिति में टाल क्षेत्र में फंसे लोगों तथा सोन नदी से बाढ़ की स्थिति में दियारा के लोगों को बाहर निकालकर उन्हें सुरक्षित रखने हेतु सजग रहना होगा।
  • सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 टीम की तैनाती के साथ-साथ मुख्यालय में रिजर्व टीम भी रखें।
  • बाढ़ के दौरान नावों के परिचालन के लिए दर का निर्धारण सुनिश्चित करें। सरकार द्वारा नाव परिचालन की व्यवस्था की जा रही है। सभी नावों पर निःशुल्क सेवा अच्छी तरह से लिखकर अंकित करें।
  • बाढ़ के पूर्वानुमान प्रणाली को और सुदृढ़ करें। इसका लोगों के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार करें ताकि बाढ़ एवं वज्रपात से संबंधित पूर्व जानकारी लोगों को उपलब्ध हो सके और उन्हें इसका फायदा मिल सके।
  • कोविड-19 एक आपदा है, इसकी अद्यतन स्थिति को लेकर निरंतर समीक्षा भी हो रही है। सभी जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों एवं सब लोगों के सहयोग से कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हर जरुरी कदम उठाये जा रहे हैं। अधिक से अधिक टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई जा रही है, आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की गई है। बिहार में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर अपने आप में यूनिक हैं। क्वारंटाइन सेंटर में रहने वाले एक व्यक्ति पर सरकार 5,300 रुपये खर्च कर रही है।
  • कोविड-19 के साथ-साथ हमें बाढ़ से भी लड़ना पड़ सकता है। दोनों कार्य चुनौतीपूर्ण होगा, पर आपलोगों ने हर चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया है।