बिहार जदयू प्रदेश सचिव संजय सिन्हा की मौत के मामले में आया एक बड़ा टर्निंग पॉइंट, अस्पताल पर लापरवाही बरतने का आरोप, थाने में दर्ज हुई शिकायत।


बिहार जदयू के प्रदेश सचिव संजय सिन्हा की इलाज के दौरान हुई मौत मामले में डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है। संजय सिन्हा के परिवार के सदस्यों ने इसे लेकर कंकडबाग थाने में अस्पताल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाया है।

संजय सिन्हा के भाई जयेश सिन्हा ने मेडिवर्सल हॉस्पिटल पर संगीन आरोप लगाते हुए अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का कथित आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि संजय सिन्हा को घुटनों के ट्रांसप्लांट के लिए 8 मार्च को मेडिवर्सल हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया था। वहां संजय सिन्हा की विविध प्रकार की चिकत्सीय जाँच की गई। बाद में डॉ निशिकांत ने उनकी सर्जरी की। हालांकि परिजनों का कहना है कि संजय सिन्हा की हृदय संबंधी जाँच के दौरान उनका हृदय सिर्फ 23 से 30 फीसदी ही काम कर रहा था। ऐसे व्यक्ति को सर्जरी के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है। बावजूद इसके अस्पताल और डॉ निशिकांत ने संजय सिन्हा की सर्जरी की जिसके बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।

परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों ने उन्हें भ्रम में रखा। हृदय की खतरनाक स्थिति से उन्हें अवगत नही कराया गया। इसी का नतीजा रहा कि सर्जरी के बाद संजय सिन्हा ने दम तोड़ दिया। अब इसी को लेकर संजय सिन्हा के परिवार के सदस्यों की ओर से थाने में अस्पताल पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है।

संजय सिन्हा जदयू में आने के पूर्व कांग्रेस से जुड़े थे। वे कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रह चुके हैं। उनके निधन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने शोक जताया था। नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी उनकी अंतिम यात्रा में भी शामिल हुए थे।