CAA के खिलाफ हुई हिंसक प्रदर्शन को लेकर एक्टिव यूपी पुलिस, अब तक PFI से जुड़े 108 लोग गिरफ्तार

यूपी में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में पीएफआई की कथित संलिप्तता की बात सामने आने के बाद पुलिस सक्रिय हो गई है. यूपी पुलिस ने अब तक पीएफआई से जुड़े 108 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और कार्यवाहक डीजीपी हितेशचंद्र अवस्थी ने बताया कि दिसंबर में सीएए के विरोध में प्रदेश में कई जगह हिंसा हुई थी, जिसमें पीएफआई का नाम सामने आया था.

पीएफआई के फंडिंग नेटवर्क की जांच


यूपी के कई शहरों में दिसंबर 2019 में हुई हिंसक प्रदर्शन में पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद समेत पीएफआई के कोषाध्यक्ष और संगठन से जुड़े कई पदाधिकारी और सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. यह आकड़ां अब 108 पर पहुंच गया है. केंद्रीय एजेंसियों की मदद से उत्तर प्रदेश पुलिस पीएफआई के फंडिंग नेटवर्क की जांच में लगी है.

SIMI पर प्रतिबंध के बाद 2006 में बना PFI

यूपी के डीजीपी हितेशचंद्र अवस्थी ने बताया कि साल 2001 में सिमी पर प्रतिबंध के बाद वर्ष 2006 में पीएफआई केरल में बना. डीजीपी हितेशचंद्र अवस्थी ने कहा कि इस संगठन का नेटवर्क सूबे के कई जिलों में फैला हुआ है. शामली, मुज़फ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, लखनऊ, गोंडा, वाराणसी, बहराइच, सीतापुर, गाजियाबाद में पीएफआई सक्रिय है. जांच में यह भी सामने आया है कि पीएफआई राष्ट्र विरोधी अभियान चला रहा है.

हिंसक प्रदर्शन में सरकारी संपतियों का नुकसान

सीएए के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन हुआ था जिसमें यूपी के कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन हुआ था जिसमें कई सरकारी बसों को जला दिया गया था इसके साथ ही कई सरकारी संस्थानों में तोड़फोड़ की गई थी जिसके बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी संपतियों का नुकसान का हर्जाना प्रदर्शनकारियों से वसूलने का आदेश दिया था.