पटना के उप विकास आयुक्त ने संजीवनी बच्ची को पश्चिम बंगाल के एक समर्पित दंपत्ति को दत्तक ग्रहण Pre Adoption Foster Care के तहत सौंपा

आज, दिनांक 30.12.2023 को पटना के उप विकास आयुक्त ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी की गई मार्गदर्शिका, 2022 के दिशानिर्देश का पूरा करते हुए, दत्तक ग्रहण संस्थान में संजीवनी बच्ची को पश्चिम बंगाल के एक समर्पित दंपत्ति को दत्तक ग्रहण पूर्व पोषण देख रेख (Pre Adoption Foster Care) के तहत सौंपा। समस्त प्रक्रिया को पूर्ण करने के बाद, इस सुखद और प्रेरणादायक क्षण में, संजीवनी को उनके नए परिवार के साथ मिलाकर उनके भविष्य की एक नई शुरुआत हो गई। मालूम हो कि यह कदम महत्वपूर्ण है क्योंकि यह साबित करता है कि समाज में दत्तक ग्रहण प्रक्रिया में सुधार के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है और बच्चों के उत्कृष्ट हित में समर्पित सरकारी प्रयासों का परिणाम है। इस सकारात्मक पहल के माध्यम से, उप विकास आयुक्त ने समाज को एक उत्कृष्ट और सहयोगी दृष्टिकोण का संदेश दिया है और दत्तक ग्रहण प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः पुष्टि की है। इस सुखद मौके पर, हम समर्थन, समर्पण, और समाज में समृद्धि की कामना करते हैं, जो संजीवनी की नई जीवन यात्रा को सफल बनाने के लिए एक साथ आगे बढ़ेगा।

दत्तक ग्रहण की यह है प्रक्रिया

पटना के उप विकास आयुक्त ने बताया कि दत्तक ग्रहण की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन बनाए रखने का कारण, केंद्रीय दत्तक ग्रहण प्राधिकरण (CARA) के पोर्टल पर पंजीकरण के लिए जारी की गई मार्गदर्शिका, 2022 के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए, एक दत्तक ग्राही माता पिता को पश्चिम बंगाल के दंपत्ति को दत्तक ग्रहण पूर्व पोषण देख रेख (Pre Adoption Foster Care) के तहत सौंपा।

सम्पूर्ण प्रक्रिया के लिए, दत्तक ग्राही माता पिता को एक फोन नंबर, पैन कार्ड, और ईमेल आईडी की आवश्यकता थी, जिसके बाद नजदीकी दत्तक ग्रहण संस्थान ने उनके होम स्टडी रिपोर्ट को तैयार किया।

CARA पोर्टल पर, दत्तक ग्राही माता पिता ने अपनी योग्यता की जाँच की, जो एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसके अलावा, विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान या जिला बाल संरक्षण इकाई से संपर्क किया जा सकता है जो गोद लेने के लिए उपयुक्त हैं।

इस दिन के खास मौके पर, दत्तक ग्राही माता पिता ने बच्चे को गोद लेने के बाद उनकी खुशी को साझा करते हुए, सोशल मैडिया या अन्य तरीकों से ऑनलाइन मैचिंग, एडोप्शन कमिटी की बैठक और जिला पदाधिकारी के साथ वाद-विवाद करने की सुविधा भी प्रदान की गई।

इस तरीके से, दत्तक ग्रहण प्रक्रिया को सुगम बनाए रखने में एक नई कदम बढ़ाया गया है, जो दत्तक ग्रहण के तरीकों में सुधार करने का एक प्रमुख पहलू है।