राम मंदिर का उद्घाटन लोकसभा चुनाव-2024 में नहीं है बहुत बड़ा मुद्दा, बीजेपी खूब करेगी प्रचार, वोट नहीं पड़ेगा राम मंदिर की वजह से, क्योंकि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ाई जाती:प्रशांत किशोर

पटना: अयोध्‍या में राम मंदिर के होने वाले उद्घाटन कार्यक्रम की चर्चा खूब हो रही है। वहीं सपा, कांग्रेस, आरजेडी और जेडीयू के नेता राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियों को लोकसभा चुनाव-2024 के लिए बीजेपी द्वारा एक चुनावी मुद्दा बनाने का आरोप लगा रहे हैं। इन सबके बीच, जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि राम मंदिर का उद्घाटन लोकसभा चुनाव में बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है। चुनाव की जितनी समझ हमको है उस हिसाब से कोई एक मुद्दा जिसे आपने एक बार कड़ाही चढ़ाकर गुड़ बना लिया है उसे वापस से उसे एक बार चढ़ाकर समाज को उस हिसाब से आंदोलित नहीं किया जा सकता है।

राम मंदिर के मुद्दे पर जब एक बार लालकृष्ण आडवाणी सोमनाथ से चले, तब एक बार उस मुद्दे पर वोट पड़ा। राम मंदिर एक बड़ा मुद्दा है, लोगों के कॉन्शस माइंड में है, चर्चा में है तो इसका खूब प्रचार भी होगा, लेकिन वोट इस पर नहीं पड़ेगा।
प्रशांत किशोर ने बीजेपी के संसदीय दल की हाल ही में हुई बैठक का उदाहरण देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी ने जब अपने सांसदों से मुलाकात की, तो उन्होंने भी कहा कि खाली राम मंदिर के नाम पर चुनाव नहीं जीता जा सकता है। क्योंकि एक बार देश में मण्डल कमीशन आया, तो बहुत आंदोलन हुआ, लेकिन जब पांच साल के बाद मण्डल कमीशन लागू किया गया तो देश में किसी को भी पता नहीं चला। समाज की ​इतनी समझ तो रखनी चाहिए कि काठ की हांडी या कच्ची हांडी को बार-बार नहीं चला सकते हैं।

दरभंगा शहर में जन संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने अन्ना हजारे के लोकपाल आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि एक बार अन्ना हजारे ने लोकपाल के नाम पर आंदोलन किया, लेकिन क्या फिर से लोकपाल के नाम पर आंदोलन हो सकता है? उस समय पूरा देश जनलोकपाल के नाम पर अन्ना हजारे के साथ खड़ा हुआ। आज अगर एक बार फिर से अन्ना आ जाएं और जनलोकपाल को लेकर बैठ जाएं, तो भी कोई नोटिस नहीं करेगा। राम मंदिर का उद्घाटन बहुत बड़ी घटना है, उसकी चर्चा होगी, बीजेपी उसका प्रचार-प्रसार खूब करेगी, उसका लाभ लेने की कोशिश भी करेगी, लेकिन राम मंदिर की वजह से वोट बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं होगा। दूसरी वजहों से लोग बीजेपी को वोट भले दे दें, वो अलग बात है।