दो एफआईआर में शिकायतकर्ता सतलज जल विद्युत निगम है जो थर्मल प्लांट का निर्माण कर रहा है और तीसरी एफआईआर चौसा के अंचल अधिकारी ने दर्ज कराई है। पुलिस ने 38 नामजद और 250 से ज्यादा अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
बक्सर के चौसा गांव में सतलज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) के थर्मल पावर प्लांट के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया है। किसान इसका उचित मुआवजा मांग रहे हैं। पुलिस ने 10 जनवरी की देर रात किसानों के घर में घुसकर प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। आरोप है कि पुलिस ने घर में घुसकर महिलाओं-पुरुषों के साथ बच्चों पर भी बर्बरतापूर्वक लाठियां बरसाईं।
मौजूदा दर के हिसाब से किसान मांग रहे मुआवजा…
इसके बाद किसान अब मौजूदा दरों के हिसाब से अधिग्रहण की जाने वाली जमीन का मुआवजा मांग रहे हैं। कंपनी पुरानी दर पर ही मुआवजा देकर जबरजस्ती जमीन अधिग्रहण कर रही है। इसके विरोध में पिछले 2 महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं। इसको लेकर पुलिस ने रात में घर में घुसकर महिलाओं, पुरुषों और बच्चों पर बर्बरतापूर्ण तरीके से लाठी बरसाई।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे बोले- किसानों के साथ अत्यचार बर्दाश्त नहीं होगा…
सांसद और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बक्सर हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्रवाई अलोकतांत्रिक थी। चौबे ने कहा कि नीतीश बाबू यही जंगल राज है। मैंने 12 दिसंबर 2022 को कंपनी और प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। उन्हें निर्देश दिया था कि वह शांतिपूर्ण तरीके से जमीन अधिग्रहण के मसले को सुलझाएं। जिला प्रशासन को भी आगाह किया था। किसानों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं होगा। कोई भी हिंसा न करें। हिंसा से किसी भी समस्या का समाधान नहीं होता है।
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