LAC सीमा विवाद पर सैन्य कमांडरों की वार्ता में भारत की दो टूक-अप्रैल 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल हो

पूर्वी लद्दाख में करीब एक महीने से सीमा पर जारी गतिरोध के समाधान के लिए भारत और चीनी सेना के बीच शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल स्तरीय बातचीत हुई। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत सैन्य जिला कमांडर कर रहे थे। यह बातचीत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की तरफ माल्डो सीमा कर्मी बैठक स्थल पर हुई।

सीमा पर अप्रैल, 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल होनी चाहिए

जानकारी के मुताबिक साढ़े पांच घंटे चली इस बैठक में भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि सीमा पर अप्रैल, 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल होनी चाहिए। साथ ही भारत की ओर से कहा गया है कि हम अपनी सीमा के भीतर कोई भी निर्माण कार्य कर सकते हैं। बैठक में हुई बातचीत की सारी जानकारी पीएमओ को दे दी गई है।

बातचीत के बारे में कोई खास विवरण दिए बिना भारतीय सेना के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘भारत और चीन के अधिकारी भारत-चीन सीमावर्ती इलाकों में बने वर्तमान हालात के मद्देनजर स्थापित सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों के जरिए एक-दूसरे के लगातार संपर्क में बने हुए हैं।’ सूत्रों ने कहा कि दोनों सेनाओं में स्थानीय कमांडरों के स्तर पर 12 दौर की बातचीत तथा मेजर जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच तीन दौर की बातचीत के बाद कोई ठोस नतीजा नहीं निकलने पर शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर बातचीत हुई।

इसके पहले राजनयिक स्तर पर बातचीत हुई

उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता से एक दिन पहले दोनों देशों के बीच राजनयिक स्तर पर बातचीत हुई और इस दौरान दोनों पक्षों में अपने मतभेदों का हल शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए एक-दूसरे की संवेदनाओं और चिंताओं का ध्यान रखते हुए निकालने पर सहमति बनी थी। इससे पहले सूत्रों ने कहा था कि भारतीय पक्ष पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी, पैंगोंग सो और गोगरा में यथा स्थिति की पुन:बहाली के लिए दबाव बनाएगा और क्षेत्र में काफी संख्या में चीनी सैनिकों के जमावड़े का भी विरोध करेगा।