दिल्ली सरकार ने सर गंगा राम अस्पताल पर दर्ज कराई FIR, कोरोना जांच के दिशा-निर्देशों का पालन न करने का आरोप

दिल्ली सरकार ने महामारी अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में सर गंगा राम अस्पताल प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर में कहा गया है कि अस्पताल कोरोना संदिग्धों की जांच में आरटी-पीसीआर एप का इस्तेमाल नहीं कर रहा है। जो साफ तौर पर महामारी अधिनियम का उल्लंघन है।

आरटी-पीसीआर एप का इस्तेमाल नहीं करने का आरोप

सरकार ने कोरोना की जांच की डिजिटल मॉनिटरिंग के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा जारी आरटी-पीसीआर एप लांच किया गया था। अस्पतालों के कोरोना सैंपल कलेक्शन सेंटर और सभी सरकारी टेस्टिंग लैब में इसे अनिवार्य किया गया था। 3 जून को दिल्ली सरकार ने सर गंगा राम अस्पताल प्रशासन को एक पत्र भेजा था, जिसमें कहा गया था कि अस्पताल कोरोना संदिग्धों की जांच के लिए आरटी-पीसीआर एप का इस्तेमाल नहीं कर रहा है। जो महामारी अधिनियम का उल्लंघन है। इसलिए अब अस्पताल में कोरोना जांच नहीं की जाएगी।

डॉक्टरों ने सोशल मीडिया पर विरोध किया

आदेश में सरकार ने अस्पताल प्रशासन को तत्काल प्रभाव से टेस्ट पर रोक लगाने को निर्देश दिए गए थे। उसी दिन सरकार ने यह घोषणा भी की थी कि 675 बिस्तर वाले इस अस्पताल में अब 80 फीसदी बिस्तर कोरोना वायरस के मरीजों के लिए आरक्षित होने चाहिए। इस आदेश के बाद डॉक्टरों ने सोशल मीडिया पर इसका विरोध किया। उनका कहना कि एक तरफ सरकार ने कोरोना टेस्ट के लिए मना कर दिया है। दूसरी और कोरोना मरीजों को भर्ती के लिए कहा गया है।

सरकार पर गंभीर आरोप लगाने के बाद FIR

इस मामले को लेकर अस्पताल के डाक्टरों ने सोशल मीडिया पर काफी विरोध जताया था और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद दिल्ली सरकार के उप सचिव ने सरगंगा राम अस्पताल प्रशासन के खिलाफ महामारी अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई है।