भारत आज 8वीं बार सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना जाएगा, पाकिस्तान ने इस पर जताई गंभीर चिंता

भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का 8वीं बार अस्थाई सदस्य बनने के लिए तैयार है। लेकिन भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान ने इस पर गंभीर चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह खुशी की नहीं, बल्कि चिंता की बात है। विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी ने कहा कि यूएनएससी का अस्थाई सदस्य बनने का भारत का इरादा पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय है।

‘भारत इस मंच से उठाए जाने वाले प्रस्तावों को खारिज करता रहा’

उन्होंने कहा कि भारत हमेशा इस मंच से उठाए जाने वाले प्रस्तावों को खारिज करता रहा है। खासकर कश्मीर जैसे मुद्दों को। इसके कारण कश्मीरियों को उनके अधिकारों से वंचित कर उनका दमन किया जाता रहा है। भारत के अस्थाई सदस्य बनने से कोई आसमान नहीं फट पड़ेगा। पाकिस्तान भी सात बार अस्थाई सदस्य रह चुका है।

भारत के अस्थाई सदस्य बनने पर वसुधैव कुटुंबकम का मार्ग प्रशस्त होगा

उधर, भारत के अस्थाई प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने उम्मीद जताई कि भारत के अस्थाई सदस्य बनने के साथ ही वसुधैव कुटुंबकम का मार्ग प्रशस्त होगा। 1 जनवरी से भारत का कार्यकाल शुरू होगा।

 कब-कब भारत चुना गया अस्थाई सदस्य

इससे पहले भारत में अस्थाई सदस्य के तौर पर 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और 2011-12 में चुना गया है।

सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश हैं। इनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन स्थाई सदस्य देश हैं। वहीं 10 देशों को अस्थाई सदस्यता दी गई है। इनमें बेल्जियम, कोट डी-आइवरी डोमिनिकन रिपब्लिक, गिनी, जर्मनी, इंडोनेशिया, कुवैत, पेरू, पोलैंड, दक्षिण अफ्रीका और भारत के नाम शामिल हैं।

दो साल का अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल

अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल दो साल के लिए होता है। इसके लिए यूएनएससी पांच स्थाई सदस्यों की सीटों को छोड़कर हर साल पांच अस्थाई सदस्यों के लिए चुनाव कराती है।

भारत का निर्विरोध चुना जाना तय

एशिया प्रशांत देशों में भारत एक मात्र ऐसा देश है जिसका निर्विरोध चुना जाना तय है। भारत को समर्थन देने वाले एशिया पैसिफिक देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, इंडोनेशिया, ईरान, जापान, किर्गिस्तान, मलेशिया, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, सीरिया, तुर्की, यूएई और वियतनाम शामिल हैं।