देश में हाल के दिनों में पत्रकारों के खिलाफ FIR दर्ज हो रहा है। मीडिया और पत्रकारों के खिलाफ खबर को लेकर एफआईआर दर्ज होने के बारे में दिशानिर्देश तय करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने याचिकाकर्ता घनश्याम उपाध्याय को केंद्र सरकार के समक्ष प्रतिवेदन देने के लिए कहा है। पीठ ने कहा कि यह काम सरकार का है।
इसे लेकर दिशानिर्देश तैयार करने की जरूरत है।
याचिका में कहा गया था कि पत्रकारों के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज करने से से पहले सक्षम अथॉरिटी से अनुमति अनिवार्य की जाए। यह अथॉरिटी प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया या कोई अन्य न्यायिक अथॉरिटी हो सकती है। याचिका में कहा गया था कि इसे लेकर दिशानिर्देश तैयार करने की जरूरत है।
पत्रकारों पर एक के बाद एक फिजूल के मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं।
याचिकाकर्ता का कहना था कि जिस तरह डॉक्टरों पर लापरवाही का मुकदमा दर्ज करने से पहले एक बोर्ड से अनुमति लेनी पड़ती है, पत्रकारों के मामले में भी ऐसा किया जाना चाहिए। वास्तव में याचिकाकर्ता का कहना था कि इन दिनों पत्रकारों पर एक के बाद एक फिजूल के मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं।
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