नेपाल में कई दिनों से हो रही भारी बारिश ने बिहार की चिंता बढ़ा दी है. बारिश के कारण गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ रहा है. हर 24 घंटे मे बाराज से पानी छोड़ने की मात्रा दोगुनी हो जा रही है. नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश होने के कारण गंडक उफान मारने लगी है. नेपाल सरकार ने बिहार के पूर्वी चम्पारण के ढाका अनुमंडल में लाल बकेया नदी पर बन रहे तटबंध के पुर्निर्माण कार्य को रोक दिया है।
मौजूदा स्थिति के बारे में विदेश मंत्रालय को लिखूंगा पत्र
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि नेपाल गंडक बांध के लिए मरम्मत कार्य की अनुमति नहीं दे रहा है। जबकि लाल बकेया नदी ’नो मैंस लैंड’ का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा नेपाल ने कई अन्य स्थानों पर मरम्मत का काम रोक दिया है। पहली बार हम लोग ऐसी समस्या का सामना कर रहे हैं। हम मरम्मत कार्य के लिए सामग्री तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। हमारे स्थानीय इंजीनियर और डीएम संबंधित अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं और अब मैं मौजूदा स्थिति के बारे में विदेश मंत्रालय को पत्र लिखूंगा।
बिहार के बड़े हिस्से में आ जाएगी बाढ
उन्होंने आगे कहा कि यदि इस मुद्दे को समय पर नहीं देखा गया तो बिहार के बड़े हिस्से में बाढ़ आ जाएगी। संजय झा ने आगे कहा कि अगर हमारे इंजीनियरों के पास बाढ़ से लड़ने वाली सामग्री नहीं पहुंचेगी तो बांध की मरम्मत का काम प्रभावित होगा, अगर नेपाल में भारी वर्षा के कारण गंडक नदी का जल स्तर बढ़ता है तो यह एक गंभीर समस्या पैदा कर देगा।
बांध मरम्मत के लिए सामग्री ले जाने पर लगाई रोक
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि गंडक बैराज के 36 द्वार हैं, जिनमें से 18 नेपाल में हैं। भारत ने अपने हिस्से में आने वाले फाटक तक के बांध की हर साल की तरह इस साल भी मरम्मत कर दी है। वहीं नेपाल के हिस्से में आने वाले 18वें से लेकर 36वें फाटक तक बने बांध की मरम्मत नहीं हो सकी है। नेपाल बांध मरम्मत के लिए सामग्री नहीं ले जाने दे रहा है। नेपाल ने उस क्षेत्र में अवरोध डाल दिए हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
गंडक का बढ़ रहा है जलस्तर
जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता आशीष कुमार ने बताया कि सुबह दस बजे बाराज से एक लाख अनठावन हजार से अधिक क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जबकि नेपाल के पोखरा मे पिछले 24 घंटे मे 74 मिलीमीटर व भैरवा मे 68.3 मिलीमीटर बारिश हुई है जिसके कारण गंडक का जलस्तर बढ़ रहा है, इससे दियारे के नीचले क्षेत्रों मे पानी का फैलाव देख लोगों का पलायन तेज हो गया है.
कई इलाकों में घुसा तीन फीट पानी
वहीं गंडक का रूख बदलते देख बांध के बाहर रहने वाले दियारे के डेढ हजार आबादी पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. दो लाख क्यूसेक से ऊपर पानी छोड़ने की मात्रा हुई तो दियारे मे संकट बढ़ सकता है. लोग अब छोटे-बड़े नावों से लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश मे पलायन को मजबूर हो रहे हैं, हालांकि सीओ अनिल कुमार ने बताया कि 5 सरकारी नावों व 17 प्राईवेट नावों को रखा गया है. जब बाढ़ की स्थिति होगी तो उसका उपयोग करवाया जाएगा.
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