बिहार में वज्रपात लोगों पर कहर बनकर टूटा है। आकाशीय बिजली की चपेट में आने से सूबे के करीब 107 लोगों की मौत हो गयी, वहीं सरकारी आंकड़ों के हिसाब से यह संख्या 83 है। इसके बाद भी राज्य में बिजली गिरने का खतरा बना हुआ है। मौसम विभाग की मानें तो उत्तरी बिहार के कई जिलों में 28 जून तक वज्रपात का खतरा बना रहेगा। शुक्रवार को भी कई जिलों में भारी बारिश के आसार हैं और मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे घरों से बाहर न निकलें। आज जिन जिलों में भारी बारिश व वज्रपात की आशंका व्यक्त की गई है इनमें 18 जिलों में खास तौर पर एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।
इन जिलों में भारी अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार बिहार के 18 जिलों में भारी बारिश के साथ ही वज्रपात का खतरा बना हुआ है। विशेष रूप से प्रभावित होने वाले जिले पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सारण, मधुबनी, सुपौल, अररिया, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनगंज एवं कटिहार हैं।
28 जून तक बना रहेगा वज्रपात का खतरा
दरअसल जिस तरीके से बिहार से लेकर राजस्थान तक ट्रफ लाइन बना हुआ है वैसे में राज्य में कंवर्जेंस जोन बन गया है। इस जोन मे गर्म और ठंडी हवाएं आपस में टकराती हैं। इन हवाओं के टकराने से ही बिजली कड़कती है, जिसे वज्रपात या ठनका कहा जाता है। पटना मौसम केंद्र के अनुसार अभी उत्तर बिहार के सीमावर्ती इलाकों में लगभग 3.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमीयुक्त एवं राजस्थान से आने वाली शुष्क हवाएं टकरा रही हैं। इस कारण बिजली कड़क रही है, वज्रपात की घटना भी घटित हो रही है।
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