इस्राइल-हमास की जंग के बीच इस्राइल की जमीन पर उतरी अमेरिकी सेना, जानिए युद्ध में किस तरह मदद

इस्राइल- हमास युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। करीब एक महीने से जारी युद्ध में 10 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। सात अक्तूबर को हमास ने इस्राइल पर अचानक हमला कर 200 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया था। आतंकवादियों की कैद से बंधकों को बचाने के लिए इस्राइली रक्षा बल दिन रात लगे हुए हैं। अब खबर आ रही है कि इस्राइल की मदद अमेरिका कर रहा है। पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि इस्राइल में तैनात अमेरिकी कमांडो बंधकों का पता लगाने में मदद कर रहे हैं।

बंधकों में अमेरिका के लोग भी शामिल

हायक रक्षा मंत्री क्रिस्टोफर पी. मायर ने कहा, ‘हम सक्रिय रूप से इस्राइल की कई मामलों में मदद कर रहे हैं। विशेषकर, हम बंधकों के बारे में पता लगाने में मदद कर रहे हैं। बंधकों में अमेरिका के लोग भी शामिल हैं। बंधकों का पता लगाना हमारी जिम्मेदारी है।

हाल के हफ्तों में कई दर्जन कमांडो भेजे

हालांकि, अधिकारी ने यह बताने से इनकार कर दिया कि वर्तमान में इस्राइल में कितने अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं। वहीं, अन्य अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि रक्षा विभाग ने हाल के हफ्तों में कई दर्जन कमांडो भेजे हैं। इसके अलावा एक छोटी टीम पहले से ही मौजूद है।

अधिकारियों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि इस्राइली समकक्षों के साथ कमांडो, एफबीआई, विदेश मंत्रालय और अमेरिकी सरकार बंधकों की रिहाई पर चर्चा करेंगे। मायर ने कहा कि क्षेत्र में अमेरिकी विशेष अभियान बल भी हमारे अपने नागरिकों को स्थानों से बाहर निकालने और हमारे दूतावासों को सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए तैयार हैं…

जो बाइडन भी आलोचकों के निशाने पर

इस्राइल हमास के बीच जारी युद्ध में हो रही हिंसा और मौतों को लेकर अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी आलोचकों के निशाने पर आ गए हैं। दरअसल कई उदारवादी समूह, मुस्लिम समुदाय और अरब अमेरिकी लोग बाइडन के विरोध में स्वर तेज कर रहे हैं। दरअसल बाइडन खुलकर इस्राइल का समर्थन कर रहे हैं, यही वजह है कि बड़ी संख्या में अमेरिका में लोग जो बाइडन की आलोचना करने लगे हैं। अब आलोचना का दबाव कहें या घरेलू राजनीति, जो बाइडन ने भी गाजा पट्टी में मानवीय मदद के लिए कुछ समय के लिए लड़ाई रोकने की अपील की है।

बाइडन ने कहा कि वह इस्राइल और फलस्तीन के लिए दो देशों के समाधान का समर्थन करते हैं लेकिन वह इस्राइल के बर्बर आतंकी हमले का जवाब देने का भी समर्थन करते हैं, जिसमें इस्राइल के 1400 नागरिकों की मौत हो गई। वहीं इस्राइल के जवाबी हमले में अब तक 9 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।