गृह मंत्रालय ने केरल सोना तस्करी मामले की जांच NIA को सौंपा, केरल हाईकोर्ट से स्वप्ना सुरेश की जमानत याचिका खारिज

केरल सोना की तस्करी वाले मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी करेगी, गृह मंत्रालय ने एनआईए को जांच का जिम्मा सौंप दिया है. केरल की राजधानी में यूएई के पता वाले डिप्लोमैटिक कार्गो से 30 किलो सोना चुराने का मामला है। जमीनी स्तर इस तस्करी को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ा जा रहा है। सूत्रों की माने तो एनआईए इस मामले में गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून 2004 की धारा 15, 16, 17 और 18 के तहत जांच करेगा। ये कानून आतंकवादी गतिविधि और टेरर फंडिंग को लेकर लगाया जाता है।

स्वप्ना सुरेश का नाम जुड़ने से केरल में मचा हड़कंप

एनआईए अधिकारी ने बताया कि एजेंसी अब इस मामले की जांच शुरू से करेगी. जिसमें अंतरराष्ट्रीय संबंधों से जुड़े संगठित रैकेट की जांच होगी और इस तस्करी से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर की भी पड़ताल होगी। इस मामले में एक पूर्व राजनीतिज्ञ यूएई वाणिज्य दूतावास जनरल स्वप्ना सुरेश का नाम जुड़ने से केरल में हड़कंप मच गया है। इसके बाद स्वप्ना सुरेश के केरल के मुख्यमंत्री के निजी सचिव के साथ कथित राजनैतिक संबध की खबरें सामने आई हैं। फिलहाल स्वप्ना सुरेश फरार हैं और उन्होंने केरल के हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत का याचिका खारिज कर दी है।

सोने की कीमत 15 करोड़ रुपये

याचिका में दावा किया गया है कि कार्गो के संबंध में स्वप्ना ने एयरपोर्ट अधिकारी से संपर्क किया था। यूएई वाणिज्य दूतावास जनरल ऑफिस के उच्च कूटनीतिज्ञ राशिद खामिस अल शामली के कहने पर कथित तौर पर संपर्क साधा था। तस्करी किए गए सोने की कीमत 15 करोड़ रुपये है। इस मामले में आश्चर्य की बात यह है कि तस्करी किया हुआ सोना कार्गो में छिपाया हुआ था। इस कार्गो में बिस्किट, नूडल्स, बाथरूम का सामान रखा जाता था लेकिन कस्टम को तस्करी को लेकर पहले से सूचना मिल चुकी थी।