राजस्थान में जारी सियासी संकट के बादल अब छटते नजर आ रहे हैं. राजस्थान सरकार को गिराने की साजिश रचने और विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों से घिरे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एक बार फिर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में है. इसके लिए खुद गांधी परिवार ने मोर्चा संभाला. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा गांधी ने पहले राहुल गांधी से इस मामले पर मुलाकात की उसके बाद प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने सचिन पायलट गुट से मुलाकात की.
अशोक गहलोत कर रहे विरोध-पायलट
बताया जा रहा है कि सचिन पायलट कल ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेताओं से मिले थे जिसके बाद राहुल गांधी के साथ उनकी बैठक तय की गई थी। आज राहुल गांधी पायलट से मिले, इस दौरान प्रियंका गांधी भी मौजूद रहीं। सूत्रों ने बताया कि पायलट ने दोनों नेताओं के सामने उन स्थितियों के बारे में बताया जिसमें उन्होंने ऐसा फैसला लिया. पायलट ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के विरोध में कुछ नहीं किया, वह अशोक गहलोत का विरोध कर रहे थे.
सचिन पायलट को मनाने में कांग्रेस कामयाब ?
राजस्थान में 14 अगस्त से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है. इससे पहले, सचिन पायलट का सोनिया, राहुल और प्रियंका से मुलाकात करना इस बात की ओर इशारा है कि जल्द ही राजस्थान संकट खत्म हो सकता है. बताया जा रहा है कि तीनों के बीच हुई ये मुलाकात सकारात्मक रही है, ऐसे में संकेत दिख रहे हैं कि सचिन पायलट को कांग्रेस मनाने में कामयाब रही है।
पायलट की कांग्रेस में वापसी का फॉर्मूला तलाशा जा रहा है, लेकिन पार्टी ने साफ किया है कि मुख्यमंत्री पद के बारे में फिलहाल कोई बात नहीं होगी। पायलट अगर लौटना चाहें तो एडजस्टमेंट के लिए कुछ समय इंतजार भी करना पड़ेगा.
दो तरह के एडजस्टमेंट पर बात होने की चर्चा
- सचिन पायलट से कहा गया है कि दिल्ली आकर पार्टी संगठन में कोई जिम्मेदारी संभालें.
- दूसरा- पायलट गुट से किसी नेता को उप-मुख्यमंत्री बना दिया जाए.
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