मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा नव निर्मित भवनों का उद्घाटन किया. बिहार के सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय के संचालन के उद्देश्य से 3304 अनाच्छादित पंचायतों में कक्षा नवम की पढ़ाई का भी शुभारंभ किया। उन्होंने मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं के आवासन हेतु छात्रावास, शैक्षणिक भवन, प्रशासनिक भवन एवं परीक्षा भवन का भी उद्घाटन किया साथ ही आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की चार शाखाएं- सेंटर ऑफ ज्योग्राफिकल स्टडीज, जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेशन, नदियों का अध्ययन केंद्र एवं पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स का उद्घाटन किया तथा आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय परिसर में महान गणितज्ञ आर्यभट्ट जी की प्रतिमा का भी अनावरण भी किया। इसके अलावा चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, पटना में कर्मचारियों के फ्लैट, बालिका छात्रावास का भी उद्घाटन किया गया।
सभी ग्राम पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय बनें
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि आज के इस उद्घाटन एवं शुभारंभ कार्यक्रम के आयोजन के लिए शिक्षा विभाग को बधाई देता हूं। कार्यक्रम के दौरान शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तुत लघु फिल्म के माध्यम से बहुत सारी चीजों की जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि हमलोगों की इच्छा थी कि सभी ग्राम पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय बनें। 8386 पंचायतों में से 5082 ग्राम पंचायतों को माध्यमिक विद्यालय से आच्छादित किया जा चुका था। शेष 3304 पंचायतों में आज से नवें क्लास की पढ़ाई शुरु हो जाएगी। 9वें क्लास की पढ़ाई 01 अप्रैल से ही शुरु होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल नहीं खुले हुए हैं। स्कूल खुलने के बाद बच्चे-बच्चियों की पढ़ाई शुरु कर दी जाएगी। लेकिन नामांकन के प्रक्रिया की शुरुआत अब कर दी जानी चाहिए।
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कई काम किए गए
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में सरकार में आने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कई काम किए गए। मानव विकास मिशन की शुरुआत की गई। जब हम सांसद थे तो क्षेत्र भ्रमण के दौरान एक बच्चे ने अपने पढ़ने की इच्छा जाहिर की थी, मुझे उसकी बातें आज भी याद हैं। सरकार में आने के बाद शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी सभी चीजों का आकलन करवाया ताकि कमियों का पता चल सके और उस पर तेजी से काम किया जा सके। हमलोगों ने आकलन करवाया तो पता चला कि 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर हैं, इनमें ज्यादातर बच्चे महादलित और अल्पसंख्यक वर्ग के हैं। टोला सेवक एवं तालिमी मरकज की बहाली कर बच्चों को शुरुआती जानकारी देते हुए स्कूल भेजा गया। महिलाओं को अक्षर ज्ञान की जानकारी के लिए अक्षर आंचल योजना की शुरुआत की गई। उन्होंने कहा कि माध्यमिक विद्यालय में बच्चियां गरीबी के कारण स्कूल नहीं जा पाती थीं। शुरुआत में 8वीं कक्षा की लड़कियों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गई, बाद में पहली कक्षा से 12 वीं कक्षा की लड़कियों के लिए पोशाक के साथ-साथ जूते-बैग वगैरह का भी इंतजाम कराया गया। जब आकलन कराया गया तो 9वीं क्लास में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या 1 लाख 70 हजार थी। वर्ष 2008 में बालिका साईकिल योजना की शुरुआत की गई। लड़कियां गांव से झुंड में साइकिल से स्कूल जाने लगीं तो दृश्य बदल गया। स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या तो बढी ही साथ ही उनका मनोबल भी बढ़ा। बाद में लड़कों के लिए भी साईकिल योजना की शुरुआत की गई।
महिलाओं के आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमलोग सरकार में आए थे तो उस समय राज्य का प्रजनन दर 4.3 था और अब घटकर यह 3.2 हो गया है। सर्वे से यह पता चला कि पति-पत्नी में अगर पत्नी मैट्रिक पास है तो देश का औसत प्रजनन दर 2 है और बिहार का भी 2 है। पति-पत्नी में अगर पत्नी इंटर पास है तो देश का औसत प्रजनन दर 1.7 है और बिहार का 1.6 है। इस आंकड़े की जानकारी से यूरेका की भावना आयी और हमलोगों ने निर्णय किया कि अगर सभी लड़कियों को इंटर तक पढ़ाया जाए तो न केवल राज्य का प्रजनन दर कम होगा बल्कि शिक्षित होने से उनका मनोबल भी बढ़ेगा। राज्य में महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। राज्य में 10 लाख स्वयं सहायता समूह का गठन किया जा चुका है, जिससे 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा महिलाएं जुड़ चुकी हैं।
शिक्षकों के लिये नई सेवा शर्त नियमावली लागू की गई
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा के सारे इंतजाम किए गए हैं। आवश्यकतानुसार वर्ग कक्षों के निर्माण के साथ-साथ बेंच, डेस्क की उपलब्धता करायी गई है। शौचालय एवं पेयजल की व्यवस्था की गई है। एक वर्ग कक्ष को स्मार्ट क्लास रुम के रुप में विकसित करने के लिए टीवी की भी व्यवस्था की जा रही है। जिन विद्यालयों में नए वर्ग कक्ष निर्मित किए गए हैं वहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य भी कराया गया है। उन्होंने कहा कि स्कूलों से बाहर रहने वाले बच्चे-बच्चियों की संख्या अब 01 प्रतिशत से भी कम रह गयी है। शिक्षा की बेहतरी के लिए बिहार में 3.50 लाख शिक्षकों की बहाली की गई। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को शिक्षकों के संबंध में की गई घोषणा को लागू कर दिया गया है। राज्य के पंचायती राज संस्थान एवं नगर निकाय के शिक्षकों के सेवा शर्तों को बेहतर बनाने के लिये नई सेवा शर्त नियमावली लागू कर दी गई है। इनके सामाजिक सुरक्षा के लिये उन्हें कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ दिया जायेगा। 01 अप्रैल 2021 से वेतन वृद्धि को लागू कर दिया जाएगा। वेतनमद में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, इस पर लगभग 1950 करोड़ रुपए व्यय होगा। ईपीएफ पर 815 करोड़ अतिरिक्त व्यय होंगे। इस योजना के अंतर्गत कुल अतिरिक्त वित्तीय भार 2765 करोड़ रुपए बढ़ेगा। सभी लाभ को जोड़ने के बाद 20 प्रतिशत से ज्यादा का लाभ शिक्षकों को मिलेगा। शुरु से ही हमने शिक्षकों के लिए कभी नियोजित शब्द का प्रयोग नहीं किया है। उन्हें प्रोन्नति का भी अवसर मिलेगा। शिक्षकों के ऐच्छिक स्थानांतरण का भी प्रावधान किया गया है। विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक की बहाली के इच्छुक लोगों की वर्ष 2009 से 2012 के बीच पी0एच0डी0 की अमान्यता और एम0फिल0 संबंधी एतराज की भावनाओं का आदर करते हुए नियुक्ति के आधार में आवश्यक परिवर्तन किया जायेगा।
बिहार की शिक्षा पद्धति को केंद्र सरकार ने स्वीकार किया
उन्होंने कहा कि शिक्षकों की सुविधा के लिए हमलोग हमेशा प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्नयन बिहार की शिक्षा पद्धति को केंद्र सरकार ने स्वीकार किया है। हर घर तक बिजली पहुंचने से बच्चों को स्मार्ट क्लास रुम का लाभ मिल रहा है। अभी कोरोना संक्रमण के कारण टी0वी0 के माध्यम से बच्चों के लिए शिक्षा की व्यवस्था की गई है। स्कूलों में वीडियो एवं कंटेंट के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने की जो व्यवस्था शिक्षा विभाग ने की है यह बहुत खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि शिक्षा समिति के द्वारा स्कूलों का बेहतर ढंग से निर्माण कराया गया। सभी स्कूलों के लिए चाहारदीवारी बनायी गई। राज्य में कई संस्थानों एवं यूनिवर्सिटी का निर्माण कराया गया। उन्होंने कहा कि इसके अलावे कोविड-19 के दौर में शिक्षा से संबंधित योजनाओं के लिए डी0बी0टी0 के माध्यम से 2892 करोड़ 20 लाख की राशि बच्चों के खाते में अंतरित कर दी गई। बालिका पोशाक योजना, छात्रवृत्ति, मुख्यमंत्री साइकिल योजना, मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना, कन्या उत्थान योजना, मध्याह्न भोजन योजना की राशि भी अंतरित कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्टूडेंट क्रेडिट योजना की शुरुआत की गई, जिसमें लड़कियों को 01 प्रतिशत एवं लड़कों को 04 प्रतिशत ऋण पर ब्याज उपलब्ध कराया गया है ताकि वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। उच्च शिक्षा के लिए अब तक 4 हजार करोड़ रुपए का ऋण छात्र-छात्राओं को आवंटित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं पढ़ाई पर ध्यान दें, जरुरत हुई तो ऋण माफ भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश की उच्च शिक्षा दर 24 प्रतिशत है जबकि बिहार की उच्च शिक्षा दर 13.9 प्रतिशत है। राज्य की उच्च शिक्षा दर 30 प्रतिशत से अधिक को प्राप्त करने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है।
शिक्षा का बजट 33 हजार 191 करोड़ रुपए हुआ
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में शिक्षा का बजट 4366 करोड़ रुपए था जो अब बढ़कर 33 हजार 191 करोड़ रुपए का हो गया है, जो राज्य के बजट का 20 प्रतिशत है। बिहार एक गरीब राज्य है, बड़ी आबादी वाला राज्य है इसके बावजूद हमलोग शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काफी खर्च कर रहे हैं। जब से जनता ने सेवा का मौका दिया है हर क्षेत्र में विकास के कार्य किए गए हैं। लोगों की सेवा की है। हमलोगों का उद्देश्य है हर क्षेत्र में तरक्की हो और युवा पीढ़ी का कल्याण हो। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के पक्ष में मानव श्रृंखला बनायी गई। बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ मानव श्रृंखला बनायी गई। जल-जीवन-हरियाली अभियान के पक्ष में 19 जनवरी 2020 को 5 करोड़ 16 लाख लोगों द्वारा 18 हजार कि0मी0 से अधिक की मानव श्रृंखला भी बनायी गई। मानव श्रृंखला बनाने में शिक्षा विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मतलब सिर्फ पढ़ना नहीं है बल्कि कॉन्शस होना है ज्ञानी बनना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग पहले की शिक्षा की स्थिति और वर्ष 2005 के बाद किए गए शिक्षा के क्षेत्र में कार्यों की जानकारी नई पीढ़ी को दें। शिक्षा के क्षेत्र में जितना हमलोगों ने ध्यान दिया है, शिक्षा की जितनी प्रगति हुई है इसकी जानकारी सभी लोगों को दें।
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