संसद के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार से होने वाली है. इस बार कोरोना संकट के चलते संसद सत्र में सब कुछ बदला-बदला सा नजर आएगा. संसद सत्र के दौरान कोरोना की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा. लोकसभा हर रोज 4 घंटे बैठेगी. ऐसे में शून्य काल की अवधि भी कम करके आधे घंटे कर दी गई है. सवालों का जवाब भी लिखित रूप में दिया जाएगा.
सांसदों का चल रहा कोरोना टेस्ट
सोमवार से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हो रही है. लेकिन उससे पहले हुई जांच में लोकसभा के पांच सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. अभी और सांसदों का कोरोना टेस्ट चल रहा है. सांसदों के लिये 14 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में हिस्सा लेने के लिये अपनी, अपने परिवार के सदस्यों और करीबी सम्पर्कों की कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट जरूरी होगी. सांसदों के करीबी सम्पर्कों में उनके निजी सहायक, निजी सचिव, ड्राइवर और घरेलू सहायिका शामिल होंगे.
सांसदों के लिये कोविड टेस्ट कराना जरूरी
सांसदों के लिये कोविड-19 टेस्ट सत्र शुरू होने से 72 घंटे पहले कराना जरूरी होगा और यह जांच उनके संसदीय क्षेत्र या संसद भवन परिसर में करायी जा सकती है. अगर किसी सांसद के निजी सहायक, निजी सचिव, ड्राइवर और घरेलू सहायिका की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तब सांसद को उच्च खतरे की श्रेणी में रखा जायेगा और उनको सम्पर्क से 14 दिनों की अवधि के लिये पृथकवास में जाना होगा.
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