हीथफील्ड अस्पताल के एक इलेक्ट्रीशियन ने मानवीयता को किया शर्मशार, 100 से अधिक मृत महिलाओं के साथ किया दुष्कर्म।

दुनिया में कई लोग मानसिक तौर पर बीमार होते हैं। डेविड फुलर उन्हीं में से एक है। जो काम वासना में इतना अंधा हो गया की उसे मृत और जिंदा में कोई फर्क ही नहीं दिखा।

इंग्लैड के ईस्ट ससेक्स राज्य में ब्रिटिश पुलिस को 34 सालों से 2 युवतियों के हत्यारे की तलाश थी। आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस ने एड़ी चोटी तक का जोर लगाया। पर फिर भी पुलिस के हाथ कोई कामयाबी नहीं लगी।

मामला 25 वर्षीया वेंडी नेल और 20 साल की कैरोलिन पियर्स की हत्याओं का था। उन के साथ दुष्कर्म भी हुआ था। दोनों टुगब्रिज वेल्स में रहती थीं और अलगअलग वारदातों में 1987 में दोनों की हत्या कर दी गई थी। उस हत्याकांड को ‘बेडसिट मर्डर्स’ के रूप में जाना गया था। गिल्डफोर्ड रोड स्थित अपने अपार्टमेंट में 23 जून, 1987 को नेल मृत पाई गई थी। पुलिस को इस की सूचना उस के मंगेतर ने दी थी। उस के शरीर पर कई जख्म थे। जबकि पियर्स की लाश उसी साल 5 महीने बाद 24 नवंबर को उन के घर से 40 मील दूर बांध के पानी में तैरती हुई बरामद हुई थी।

उन की मौत के सिलसिले में हुई जांच में हत्या और दुष्कर्म के जो सुराग मिले थे, उस के अनुसार मृतकों के शरीर, अंगवस्त्र, तौलिए, बैडशीट आदि से मिले एक जैसे डीएनए को सबूत का आधार बनाया गया था।

उस डीएनए वाले व्यक्ति का पता लगाने के लिए 15 दिसंबर, 1987 को अदालती आदेश के बाद ब्रिटिश पुलिस ने जांचपड़ताल शुरू कर दी थी।

फोरैंसिक वैज्ञानिकों द्वारा 1999 में डीएनए जांच के आधुनिक तरीके अपनाए गए थे और इस के लिए एक नैशनल लेवल पर डेटाबेस तैयार किया गया था।

दोनों लड़कियों के सैकड़ों करीबियों से पूछताछ के साथसाथ उन के डीएनए की भी जांच की गई थी। रिश्तेदारों, दोस्तों और फिर उन के करीबियों से जांच के सिलसिले में डेविड फुलर के घर वालों के डीएनए की भी जांच हुई, जिसे हत्या के आरोप में पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका था।

इस तरह पुलिस को अंतत: 2019 में सफलता मिल गई, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से उस की गिरफ्तारी 3 दिसंबर, 2020 को हो पाई।

67 वर्षीय डेविड फुलर को ईस्ट ससेक्स के हीथफील्ड स्थित उस के घर से गिरफ्तार कर लिया गया। उस का डीएनएन मृतकों से प्राप्त नमूने से मेल खाता था। इसी के साथ जब उस के घर की गहन तलाशी ली गई, तब यौन अपराध का जो राज खुला, वह जितना चौंकाने वाला था, उतना ही घिनौना भी था।

फुलर के अनगिनत कुकर्मों का खुलासा उस के घर और घर के कार्यालय की तलाशी के बाद हुआ. पुलिस को कंप्यूटर हार्ड ड्राइव, सीडी, डीवीडी और फ्लौपी डिस्क में 14 मिलियन से अधिक अश्लील तसवीरें भरी मिलीं। उन में बच्चों की लाश के साथ अश्लील वीडियो भी थे। सभी अलगअलग फोल्डर में रखे गए थे और उन पर नाम का लेबल भी लगाया गया था। साथ ही एक डायरी में यौन अपराधों का काला चिट्ठा दर्ज था।

उसी आधार पर पुलिस ने पाया कि फुलर अपनी वासना की आग बुझाने के लिए 2 मुर्दाघरों में महिलाओं की लाशों के साथ दुष्कर्म किया करता था। यह कुकर्म वह करीब 100 लाशों के साथ कर चुका था, जिन में 9 साल की बच्ची से ले कर 100 साल की वृद्धा तक की लाशें शामिल थीं. यह सब उस ने तब किया था, जब वह हीथफील्ड अस्पताल में इलैक्ट्रीशियन की नौकरी करता था।

ये सारी बातें फुलर ने मेडस्टोन क्राउन अदालत में दोनों लड़कियों की हत्या को ले कर हुई सुनवाई के दौरान स्वीकार की। उस ने यह भी बताया कि दोनों की बेरहमी से हत्या करने के बाद उस की लाश के साथ दुष्कर्म किया था। तभी नेल के तौलिए, अंडरगारमेंट, और लार में फुलर का डीएनए पाया गया था।

फुलर के जुर्म से इंग्लैंड की अदालत भी दंग थी। कोर्ट ने माना कि ब्रिटेन या कहें कि दुनिया के इतिहास में इतना खौफनाक और दर्दनाक वाकया शायद कभी नहीं गुजरा, लिहाजा कोर्ट ने इस मामले को बेहद संजीदगी से लेते हुए उसे अपराधी ठहरा दिया।