किसानों को शर्तों के साथ रैली मंजूर नहीं, 12 बजे परेड निकालने का कोई मतलब नहीं, टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे 20 हजार ट्रैक्टर

दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड पर सहमति बन गयी है. इसके बाद सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर तैयारियां जोरों पर हैं। पंजाब और हरियाणा से ट्रैक्टरों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। सूत्रों के मुताबिक, रविवार की रात तक टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर करीब 20 हजार ट्रैक्टर पहुंच चुके हैं। किसान नेताओं का दावा है कि 26 जनवरी की सुबह तक एक लाख ट्रैक्टर आ जाएंगे। यही कारण है कि दिल्ली की जिन सीमाओं पर प्रदर्शन चल रहा है वहां ट्रैक्टर ट्रालियों की लंबी कतारें लग गई हैं।

खेड़ा बॉर्डर से रूट को लेकर अभी तक सहमति नहीं

दिल्ली-जयपुर हाईवे-48 स्तिथ खेड़ा बॉर्डर से रूट को लेकर पुलिस व किसानों के बीच अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। आज का करीब एक बजे पुलिस व किसान संगठनों के बीच दोबरा बात होगी

12 बजे रैली निकालने का कोई तुक नहीं

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के नेता सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि, शर्तों के साथ रैली निकालने की बात को हम नामंजूर करते हैं। 12 बजे रैली निकालने का कोई तुक नहीं बनता है।

एक ट्रैक्टर पर तीन से ज्यादा लोग नहीं बैठेंगे

दिल्ली पुलिस ने टीकरी बॉर्डर से दिल्ली की तरफ आने वाली सड़क पर एक साइड से बैरिकेडिंग हटा दी है। आंदोलन स्थल से करीब एक किलोमीटर आगे सीमेंट के बैरिकेड्स और लोहे के बड़े कंटेनरों को हटाकर सड़क खाली कर दी गई है। साथ ही तय रूट पर दिल्ली पुलिस और CRPF के जवानों ने भी सुरक्षा व्यवस्था संभाल ली है। पुलिस ने शर्त रखी है कि एक ट्रैक्टर पर तीन से ज्यादा लोग नहीं बैठेंगे।

ट्रैक्टरों पर तीन तरह के झंडों का इस्तेमाल

परेड में शामिल होने वाले ट्रैक्टरों पर तीन तरह के झंडों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसमें किसान संगठन, तिरंगा (राष्ट्रीय ध्वज) और खालसा पंथ का झंडा शामिल हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से ऐलान किया गया है कि कोई संगठन अपने ट्रैक्टर पर तिरंगे का इस्तेमाल भले ही न करे, लेकिन उसका अपमान नहीं करेगा।