बीएमसी द्वारा अभिनेत्री कंगना रनौत के मकान गिराए जाने को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि बीएमसी पहले वाले नोटिस पर कार्रवाई क्यों नहीं की. कोर्ट में कंगना के वकील ने कहा कि उन्हें बीएमसी ने उचित समय नहीं दिया. जस्टिस जे कथवाला ने कहा कि हमने अपने कई आदेश में बीएमसी को कहा है कि वो अवैध मकान ध्वस्त करें. कोर्ट ने कहा कि अगर बीएमसी इतनी तेजी पहले के मामले में दिखाती तो आज मुंबई में रहने की स्थिति ठीक हो जाती.
जज ने उनसे सभी ट्वीट दिखाने को कहा
फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत बनाम बीएमसी की जंग सड़क से लेकर कोर्ट तक जारी है. बीएमसी ने 24 घंटे के नोटिस पर कंगना के दफ्तर को तोड़ दिया था, जिसके बाद कंगना ने मुआवजे के लिए कोर्ट का रुख किया था. सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में कंगना के वकील बिरेन्द्र सराफ ने बताया कि कंगना रनौत की ओर से सरकार की आलोचना की गई, मुंबई पुलिस के काम पर सवाल खड़े किए गए. जिसपर जज ने उनसे सभी ट्वीट दिखाने को कहा. वकील ने दावा किया कि कंगना के ट्वीट पर संजय राउत की ओर से उन्हें पाठ पढ़ाने की बात कही गई थी. कंगना के वकील बिरेन्द्र सराफ ने अदालत में बताया कि जब कंगना रनौत का घर गिरा तो संजय राउत के अखबार ने उसका जश्न मनाया, पूरे देश ने इसको देखा है. इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि मेरे क्लाइंट से बदला लिया गया है.
संजय राउत की ओर से कोर्ट में दिया गया हलफनामा
वहीं कोर्ट में संजय राउत के वकील प्रदीप थोराट ने दावा किया कि बयान में कंगना रनौत का नाम ही नहीं लिया गया है, जिसपर जज ने सवाल किया कि क्या आपने उन्हें ‘ह…..’ शब्द से नहीं बुलाया. कंगना के वकील की ओर से कहा गया कि इस पूरे केस में कंगना के साथ अन्याय हुआ है. संजय राउत की ओर से जो हलफनामा डाला गया है, उसे पढ़कर वो अपना जवाब देंगे.
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