छठ पूजा साल में दो बार मनाया जाता है। चैत्र छठ पूजा का शुभारंभ शनिवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो गया। चार दिनों के इस पावन-पवित्र त्योहार का आज दूसरा दिन है। यानि छठव्रती आज खरना पूजा करती हैं। यह नहाय-खाय के एक दिन बाद मनाया जाता है। छठव्रतियों ने संध्याकाल में स्नान-ध्यान के बाद छठी मैया को ध्यान कर उनकी पूजा की। इसमें छठी मैया को प्रसाद के रूप में गुड़ और चावल से बनी खीर, गेंहू के आटे और गुड़ से बने ठेकुआ और पूरी भेंट की। पूजा सम्पन्न हो जाने के बाद सबसे पहले व्रती खाते हैं। इसके बाद लोग पूजा का प्रसाद ग्रहण किए।
कल उगते अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य
इस पावन त्योहार के तीसरे दिन यानि कल अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य अर्पित की जाएगी। इस दिन भी काफी पवित्रता के साथ छठव्रती भगवान भास्कर को अर्ध्य अर्पित करते हैं और सूर्य की उपासना करते हैं। इसके अगले सुबह उदयीमान सूर्य को अर्ध्य देने के साथ हीं इस पावन व्रत का इतिश्री हो जाएगा।
लॉकडाउन के चलते सार्वजनिक अर्ध्य पर प्रतिबंध
देश अभी कोरोना वायरस की चपेट में है। इसे लेकर देश को लॉकडाउन कर दिया गया है। कई पाबंदियां लगा दी गयी हैं। इसे लेकर छठ पूजा पर भी बड़ा असर हुआ है। छठ व्रतियों को सार्वजनिक घाटों पर अर्ध्य देने पर पाबंदी है। ऐसे में व्रती अपने घरों में हीं अर्ध्य अर्पित करेंगे। कोरोना वायरस के कहर के बीच सूर्य उपासना के इस पावन त्योहार की रौनक भी काफी कम गयी है, लेकिन बावजूद इसके कामना यही है कि कोरोना रूपी संकट से दुनियां जल्द उबर सके।
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