बाढ़ आपदा में सर्पदंश एक गंभीर संकट, NDRF ने 5 पीड़ितों का किया रेस्क्यू, पहुंचाया अस्पताल

बिहार के कई जिले इन दिनों बाढ़ की विभिषका झेल रहे हैं। बाढ़ आपदा में फँसे लोगों के समक्ष सर्पदंश की घटनाएँ एक गम्भीर चुनौती है। अब तक एनडीआरएफ के कार्मिकों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों से 05 सर्पदंश पीड़ितों को रेस्क्यू करके अस्पताल पहुँचाया है और इस प्रकार उनके जान जोखिम को बचाया है। बाढ़ आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 23 टीमें मुस्तैदी से बिहार राज्य के 14 जिलों में तैनात है।

कमान्डेंट विजय सिन्हा ने बताया कि विगत मंगलवार/बुधवार की रात 9वीं वाहिनी एनडीआरएफ की पूर्वी चम्पारण जिले के मोतिहारी में तैनात टीम ने त्वरित रेस्पांस करके जिले के बंजरिया प्रखण्ड में स्थित बाढ़ प्रभावित जनेरवा गाँव से एक सर्पदंश पीड़ित लड़का को रेस्क्यू कर सुरक्षित अस्पताल तक पहुँचाने में मदद किया।

उन्होंने आगे बताया कि अँधेरी रात और बारिश की परवाह किये वगैर एनडीआरएफ के बचावकर्मियों ने जिला प्रशासन पूर्वी चम्पारण के समन्वय से बाढ़ से घिरे गाँव जनेरवा मोटर बोटों की मदद से लगभग 06 किलोमीटर की दूरी तय करके देर रात लगभग 1130 बजे पहुँची। फिर सर्पदंश पीड़ित 15 वर्षीय लड़का मुहम्मद बिस्मिल्लाह, पिता- मुहम्मद रियाजुल को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बंजरिया पहुँचाने में मदद किया और उसके जान जोखिम को बचाया।

कमान्डेंट विजय सिन्हा ने बाढ़ प्रभावित इलाके में रहने वाले लोगों को एक बार फिर अगाह किया कि अपने आसपास के इलाके में रहने वाले सांपों से सावधान रहें। रात के अंधेरे में टॉर्च लाइट का इस्तेमाल जरूर करें। यदि किसी व्यक्ति को साँप काट लेता है तो उस पीड़ित व्यक्ति को जितनी जल्दी हो सके नजदीकी अस्पताल पहुंचाए।

कमान्डेंट विजय सिन्हा ने आगे जानकारी दिया कि अब तक बिहार राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों में प्रशासन के सहयोग से रेस्क्यू ऑपेरशन चलाकर एनडीआरएफ के बचावकर्मियों ने ग्यारह हजार चार सौ से अधिक बाढ़ आपदा में फँसे लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया है। बुधवार को मुख्यरूप से एनडीआरएफ टीमों द्वारा सारण जिले के तरैया और पानापुर प्रखण्ड के अन्तर्गत बाढ़ प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़-बचाव ऑपेरशन चलाया गया। इसके अलावे मुजफ्फरपुर जिले के मुशहरी प्रखण्ड में बिजली विभाग के कर्मचारियों को बिजली सुविधा बहाल करने में मदद किया तथा जिले के मुरौल प्रखण्ड में राहत सामग्री बाढ़ प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँचाने में भी मदद किया।