
संसद में शपथ ग्रहण के दौरान नारेबाजी नहीं हो सकेगी. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इसे लेकर नए नियम बना दिए हैं. अब शपथ के प्रारूप के अतिरिक्त कोई भी सांसद कुछ नहीं बोल सकेगा. कोई अन्य टिप्पणी या नारेबाजी नहीं कर पाएगा. अलग से बोलने पर स्पीकर के पास कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रहेगा. इसके लिए स्पीकर ने नियम 389 में संशोधन कर दिया है.
बीते दिनों शपथ ग्रहण के दौरान लोकसभा में कई तरह की नारेबाजी देखने को मिली थी. धार्मिक नारे लगाए गए, तो कई महापुरुषों के बारे में भी टिप्पणियां की गई हैं. कई नेताओं के खिलाफ भी बयानबाजी हुई. इसे लेकर स्पीकर ने कड़ी नाराजगी जताई थी. उसी वक्त उन्होंने संकेत दिया था कि ऐसी बयानबाजी रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू ने बताया कि स्पीकर ओम बिरला ने सदन के कामकाज से संबंधित कुछ मामलों को विनियमित करने के लिए ‘अध्यक्ष के निर्देशों’ में ‘निर्देश-1’ में एक नया खंड जोड़ा है, जो नियमों का हिस्सा नहीं था. नया खंड-तीन यह कहता है कि एक सदस्य शपथ या प्रतिज्ञान करेगा और उस पर हस्ताक्षर करेगा और “शपथ के रूप में उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में किसी भी शब्द का उपयोग या अभिव्यक्ति नहीं करेगा अथवा कोई टिप्पणी नहीं करेगा.
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