RERA के आदेश से सूबे के 400 बिल्डरों में हड़कंप! कई बड़े बिल्डरों का नाम लिस्ट में …

बिहार में रियल एस्टेट व्यवसाय को रेगुलेट करने वाली संस्था भू-संपदा अपीलीय न्यायाधिकरण (रेरा) ने एक ऐसा आदेश जारी किया जिससे राजधानी पटना के साथ सूबे के बिल्डरों में खलबली मच गई है। दरअसल,राजधानी पटना व आसपास के क्षेत्रों में बिल्डर बिना निबंधन प्लॉट-फ्लैट की बिक्री के लिए प्रचार प्रसार कर रहे थे। ऐसे गैरनिबंधित बिल्डर रेरा कानूनों की धज्जियां उड़ा रहे थे। इसके बाद भू-संपदा अपीलीय न्यायाधिकरण ने स्वतः संज्ञान लेते हुए रेरा से हलफनामें की मांग की है।अपीलीय न्यायाधिकरण ने मार्च 2022 में पटना नगर निगम के आयुक्त पटना योजना प्राधिकरण और दानापुर नगरपरिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र लिखा है। लिस्ट में पटना व आसपास के 400 ऐसे बिल्डरों के नाम हैं जो खुल्लमखुल्ला रेरा आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं। लिस्ट में पटना के कई बड़े और नामी बिल्डरों के नाम शामिल है।

न्यायाधिकरण ने लिया स्वतः संज्ञान

रेरा अपीलीय न्यायाधिकरण ने 16 मार्च 2022 को गैर निबंधित प्रोजक्ट के संबंध में स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। न्यायधिकरण कोर्ट में अपीलेट बनाम रेरा के तहत सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान रेरा के वकील ने कोर्ट से कहा कि कितने प्रोजेक्ट निबंधित है और कौन-कौन गैरनिबंधित इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने के लिए समय चाहिए। कोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सभी प्रोजेक्ट का विज्ञापन किया जा रहा है। सोशल मीडिया के साथ वाणिज्यिक प्लेटफार्मों पर भी अपार्टमेंट-भूखंडों की बिक्री का प्रचार किया जा रहा है।इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करें। इसके साथ ही भू-संपदा अपीलीय न्यायाधिकरण ने पटना नगर निगम के आयुक्त पटना योजना प्राधिकरण और दानापुर नगरपरिषद के कार्यपालक पदाधिकारी से भी पूछा है कि आपके क्षेत्र में कितने प्रोजेक्ट का निबंधन हुआ है और कितने गैर निबंधित हैं? न्यायाधिकरण ने निबंधक से यह भी कहा है कि पटना एसएसपी को इस संबंध में निदेश दें। कोर्ट ने कहा कि एसएसपी एसएचओ के माध्यम से वैसे प्रोजेक्ट की स्थलीय जांच करें जहां काम चल रहा है या प्रोजेक्ट का रेरा नंबर प्रदर्शित किया जा रहा। पूरी जांच कराकर रिपोर्ट दें।

बिना निबंधन नहीं कर सकते प्रचार व बिक्री

आदेश में कहा गया है कि कोई भी बिल्डर नगर परिषद या नगर निगम से बिना अधिकारिता प्रमाण पत्र लिए अपना प्रोजेक्ट किसी भी ग्राहक को नहीं बेच सकते। इस बाबत कोर्ट ने निबंधक एवं उपनिबंधक को भी उक्त आदेश की प्रति भेजने का आदेश जारी किया। प्रायः यह देखा जाता है कि बिना निबंधन कोई बिल्डर अपने प्रोजेक्ट की बिक्री के लिए प्रचार भी नहीं कर सकता। बिना निबंधन व अपार्टमेंट निर्माण का काम भी शुरू नहीं कर सकता। वहीं रेरा से निबंधन के बिना टाउनशिप भी नहीं बसाया जा सकता है। लेकिन बिहार में अभी तक यह व्यवस्था कायम नहीं हो पाई है। यहां गड़बड़ी की लगातार शिकायत मिलती है।

कई बिल्डरों के छूट रहे पसीने

भू-संपदा अपीलीय न्यायाधिकरण ने ऐसे लगभग चार सौ बिल्डरों को चिन्हित किया, जिसने रेरा से बिना निबंधन लिए, नगर निगम या नगर परिषद से बिना अधिकारिता प्रमाण पत्र लिए अपना प्रोजेक्ट बेच रहे हैं या फिर बेच चुके हैं। इनमें से ज्यादातर प्रोजेक्ट राजधानी पटना और उसके आसपास के हैं। कोर्ट ने इस मामले में अपना सख्त ऐतराज जताते हुए पटना नगर निगम एवं दानापुर नगर परिषद समेत अलग अलग जगहों के प्राधिकरण को आदेश दिया कि उक्त चिन्हित बिल्डरों को 15 दिनों के भीतर नोटिस दिया जाय. साथ ही जांच कर यह भी सुनिश्चित किया जाय कि उन्होंने प्राधिकरण द्वारा पास नक्शे में कोई विचलन तो नहीं किया है। अगर वहां गड़बड़ी पाई जाती हो तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाय। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि बिना अधिकारिता प्रमाण पत्र के कोई भी बिल्डर अपना प्रोजेक्ट न बेच सके। रेरा कोर्ट के इस नए आदेश से बिल्डरों के पसीने छूट रहे हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी।