शर्मनाक: मां ही बन बैठी अपने बच्चे की जान की दुश्मन, नवजात शिशु को मिट्टी में दफनाया, हुई मौत।

विश्व की हर संकृति में मां को भगवान से भी ऊपर का दर्जा दिया गया है। मां की ममता बहुमूल्य होती है। ना सिर्फ इंसानों में बल्कि जानवरों में भी बच्चे के लिए मां से बड़ा रक्षक कोई नही होता। पर क्या हो जब रक्षक ही भक्षक बन बैठे। मध्‍य प्रदेश के दमोह जिले की किहटा तहसील से दिल को दहला देन वाली एक ऐसी घटना सामने आयी है। जहां जन्म देने वाली मां ने ही अपने बच्चे को मृत्यु के गोद में हरदम के लिए सुला दिया। एक क्रूर मां ने नवजात को जन्म देकर जमीन में गाड़ दिया। जब उसके रोने की आवाज आई तो गांव की महिलाओं व ग्रामीणों ने उसे वहां से निकाल लिया और तुरंत डायल 100 पर सिविल अस्पताल ले गए। शरीर पर घाव व खून बहने के कारण मासूम को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

मां ने जन्म के तुरंत बाद खेत में दफना दिया नवजात शिशु

इस निर्दयी मां ने रानेह थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत विजवार के ग्राम जरौंदा में जन्म के तुरंत बाद खेत में गड्ढा खोदकर अपने नवजात बच्चे को मिट्टी से ढक दिया था। गांव की एक अन्य महिला नन्नीबाई उसी खेत से गुजर रही थी जब उसने एक नवजात के रोने की आवाज सुनी। तो उन्होंने आवाज का पीछा किया और चिलाकर गांव वालों को वहां बुलाया।कुछ देर बाद महिला के चीखने की आवाज सुनकर ग्रामीण भी वहां पहुंच गए और नवजात को मिट्टी हटाकर बाहर निकाला। रानेह थाना प्रभारी प्रसीता कुर्मी उसे सिविल अस्पताल ले गईं। डाक्टरों की टीम ने नवजात को बाड़मेर मशीन में डालकर इलाज शुरू किया। अस्पताल पहुंचे नवजात की सांस चल रही थी, लेकिन सिर मिट्टी में दब जाने से कई जगह चोट के निशान थे। वहां से खून बह रहा था।

डाक्टर ने कहा कि बच्‍चे का जन्म अस्पताल आने से करीब पांच घंटे पहले हुआ था। गंभीर हालत में उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन वहां उसकी मौत हो गई।

इस मामले में रनेह की थाना प्रभारी प्रसीता कुर्मी का कहना है कि जिसने भी यह हरकत की, पुलिस उसकी तलाश कर रही है। मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दिया गया है।