पटना के मगध महिला कॉलेज ने पूरे किये 75 साल, वर्षगांठ पर प्राचार्या डॉ. शशि शर्मा ने दी शुभकामनाएं

अपनी शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों द्वारा देशभर में अपनी खास पहचान रखने वाला मगध महिला कॉलेज अपनी स्थापना के 75वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। कॉलेज की शुरूआत 1938 में पटना के बांकीपुर गर्ल्स स्कूल के रूप में गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज के रूप में हुई थी।

प्राचार्या डॉ. शशि शर्मा ने छात्राओं को  दी शुभकामनाएं

75वें वर्षगांठ के मौके पर कॉलेज की ओर से 2020 का हस्तक और प्रोस्पेक्टस लांच किया गया। इस अवसर पर प्राचार्या डॉ. शशि शर्मा ने कॉलेज परिवार के सभी सदस्यों और पूर्ववर्ती छात्राओं को शुभकामनाएं दी है।

शशि शर्मा ने कहा कि कॉलेज के लिए साल 2020 काफी महत्वपूर्ण है। इस साल हम 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। इन सालों में कॉलेज में शिक्षा के क्षेत्र में देश और दुनिया में अपनी अमिट छाप बनाई है। 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में कॉलेज की ओर से कई कार्यक्रमों के आयोजन पर भी विचार किया गया था। हम चाहते थे कि स्थापना के 75वें वर्ष को शैक्षणिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये एक यादगार वर्ष के रूप में मनाएं। लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए ऐसे संभव नहीं हो पाया है। कोरोना काल की समाप्ति के बाद हमें उम्मीद है कि हम कॉलेज में कई नई कल्चरल और एकेडमिक एक्टिविटी का आयोजन कर पायें।

बुनियादी ढ़ाचा को विकसित करने की योजना

कॉलेज ने इस साल बुनयादी ढ़ाचा को भी विकसित करने की योजना बनाई है। इसमें प्रमुख हैं मल्टीमीडिया लैब, छात्रों के लिए 100 कंप्यूटरों के साथ नई ई-लाइब्रेरी, कॉलेज के शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के बच्चों के लिए न्यू डे केयर सेंटर, नया कॉलेज आंतरिक मुख्य द्वार और अनुसंधान कार्य के लिए उन्नत उपकरणों के साथ नई विज्ञान प्रयोगशाला।

पर्यावरण संरक्षण में भी कॉलेज का अहम योगदान

मगध महिला कॉलेज ने इन 75 सालों में छात्राओं की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में तो मुकाम हासिल किया हीं है, पर्यावरण संरक्षण में भी कॉलेज का योगदान अहम रहा है। कॉलेज ने वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में काफी काम किया है। कॉलेज कैंपस में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से बिजली बनाने और संरक्षित करने के लिए एक 100किलो वाट सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित की गई है।
इसके साथ हीं कॉलेज में एक वाटर पार्क और एक एक्वेरियम का निर्माण इको सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। वहीं भूमिगत जल स्तर को बनाये रखने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण किया गया है।

कॉलेज को आईएसओ प्रमाणपत्र भी दिया


UGC द्वारा 16 सितंबर, 2011 को उत्कृष्टता (CPE) और 2021 तक सीपीई की स्थिति को बनाये रखा है। कॉलेज प्रतीक जागृति, मैत्री और प्रगति मानव जीवन के गुणों और महिला सशक्तीकरण के मजबूत संदेश देते हैं।
इस कॉलेज को उत्कृष्ट शिक्षा योगदान के लिए आईएसओ प्रमाणपत्र भी दिया गया है।
कॉलेज में दो विदेशी भाषाओं जापानी और जर्मन की पढ़ाई की शुरूआत की गयी है। अब बिहार की बेटियां हिंदी, भोजपुरी के अलावा जापानी और जर्मन भी सीख और बोल रहीं हैं।
जल्द हीं हम तीन और नये कोर्स की शुरूआत करने वाले हैं। 75 साल पूरे होने के अवसर पर हम पटना विश्वविद्यालय के कुलपति, बिहार के राज्यपाल, बिहार सरकार और बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का भी आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने समय-समय पर न सिर्फ कॉलेज के कार्यक्रमों में आकर महाविद्यालय परिवार का हौसला बढ़ाया बल्कि महाविद्यालय की प्रगति में निरंतर अहम योगदान कर रहे हैं।
हमें उम्मीद है कि कोरोना काल जल्द हीं समाप्त होगा और हम सभी कॉलेज के 75वें वर्षगांठ को सामूहिक रूप से मना सकेंगे। एक बार फिर कॉलेज के सभी छात्राओं, शिक्षकों और अपने सभी शुभचिंतकों को महाविद्यालय के 75वें वर्षगांठ की अनंत शुभकामामनाएं।