करतारपुर कॉरिडोर की मदद से भारत की जासूसी कर रहा है पाकिस्तान,भारत सरकार ने किया कड़ा विरोध।

अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर की तरह करतारपुर भी सिख श्रद्धालुओं की आस्था का एक बड़ा केंद्र है। सिख श्रद्धालुओं की लंबी मांग के बाद भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने करतारपुर कॉरिडोर को खोलने का फैसला किया था। इसका फायदा सिख श्रद्धालुओं को हुआ। बहुत कम समय में लोग करतारपुर साहिब पहुंच जाते हैं। लेकिन, इस पवित्र यात्रा के दौरान भी पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबे को अंजाम देने से बाज नहीं आ रहा है।

कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान कर रहा है भारत की जासूसी


रिपोर्ट्स है कि पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर के जरिये भारत की जासूसी कर रहा है। पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर में अपने जासूसों को तैनात कर रखा है। मीडिया सूत्रों के हवाले से एबीपी न्यूज ने कहा है कि पाकिस्तान करतारपुर साहिब जैसे पवित्र गलियारे का इस्तेमाल गलत काम के लिए कर रहा है। इस कॉरिडोर पर पाकिस्तान के खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों को तैनात किया गया है।

भारतीय नागरिकों से इकट्ठा की जा रही है जानकारी
बताया गया है कि ये खुफिया अधिकारी करतारपुर कॉरिडोर के रास्ते करतारपुर साहिब जाने वाले भारतीय नागरिकों से आम लोगों की तरह बातचीत करके कुछ खुफिया जानकारी जुटाने की कोशिश करते हैं। इस गलियारे का इस्तेमाल बिजनेस से जुड़ी बैठकों के लिए भी किया जा रहा है।

रोटरी क्लब ने जतायी आपत्ति
इसकी जानकारी मिलने के बाद भारत की ओर से इस पर आपत्ति जतायी गयी है। इस संबंध में रोटरी क्लब के अधिकारियों की पिछले दिनों एक बैठक हुई थी। इस बैठक में रोटरी क्लब के द्वारा पाकिस्तान की करतूत का विरोध किया गया। बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर को सिर्फ धार्मिक यात्रा के लिए खोला गया था। लेकिन, पाकिस्तान इसका इस्तेमाल अलग-अलग कार्यों के लिए करने लगा है।

पाकिस्तान के है चाल पर है भारत की नजर।
पाकिस्तान की नापाक हरकतों का पता चलने के बाद से भारत सरकार ने भी इस मामले पर नजर रखना शुरू कर दिया है। बता दें कि सिखों के लिए करतारपुर साहिब गलियारा को वर्ष 2019 में खोला गया था। सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव जी ने करतारपुर साहिब में ही सिख धर्म की स्थापना की थी। यहीं पर गुरु नानक देव जी ने समाधि ली थी। इसलिए इस स्थल का सिखों के लिए बहुत ज्यादा महत्व है।

करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण की क्या है कहानी?
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1999 में पहली बार भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव रखा था। वर्ष 2018 में गुरुदासपुर के डेरा साहब नानक से एलओसी तक करीब 4 किलोमीटर लंबे करतारपुर साहिब कॉरिडोर का शिलान्यास हुआ। 9 नवंबर 2019 को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया गया था।