भारत के साथ ब्रिटेन करने जा रहा है 1 अरब पाउंड के नए निवेश और निर्यात का समझौता।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत की अपनी यात्रा के दौरान कई वाणिज्यिक समझौतों का एलान करेंगे और इसके साथ ही द्विपक्षीय व्यापार तथा निवेश संबधों में ”नए युग” की शुरुआत भी करनेवाले हैं। ब्रिटेन के उच्चायोग ने बृहस्पतिवार को बताया कि ब्रिटेन और भारतीय कारोबार सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग से लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र तक एक अरब पाउंड के नए निवेश और निर्यात समझौतों की पुष्टि करेगा। इससे ब्रिटेन में तकरीबन 11,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है।

जॉनसन ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने तथा यूक्रेन में संकट और हिंद-प्रशांत में स्थिति समेत वैश्विक चुनौतियों पर विचार साझा करने के लिए बृहस्पतिवार को भारत की दो दिवसीय यात्रा शुरू कर दी है।

उच्चायोग ने जॉनसन के हवाले से कहा है कि आज मेरे भारत पहुंचने पर, मैं असीम संभावनाएं देखता हूं, जिसे हमारे दोनों महान देश एक साथ मिलकर हासिल कर सकते हैं। अगली पीढ़ी के 5जी टेलीकॉम्स से लेकर एआई और स्वास्थ्य अनुसंधान तथा नवीनीकरण ऊर्जा में नयी भागीदारियों तक ब्रिटेन और भारत दुनिया का नेतृत्व कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, ”हमारी मजबूत भागीदारी हमारे लोगों को नौकरियां, वृद्धि और अवसर दे रही हैं। जॉनसन बृहस्पतिवार को गुजरात में अपने कार्यक्रमों को समाप्त कर शुक्रवार को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।

उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि जॉनसन अपनी भारत यात्रा का इस्तेमाल ”दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ हमारी भागीदारी को बढ़ाने, ब्रिटिश उद्योगों के लिए व्यापार की बाधाओं को कम करने और देश में नौकरियां तथा वृद्धि लाने” पर करेंगे। इसमें कहा गया है कि ब्रिटेन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रमुख नयी साझेदारी की भी पुष्टि करेगा, जिसमें डिजिटल स्वास्थ्य भागीदारी और भारतीय डीप-टेक तथा एआई स्टार्टअप्स के लिए संयुक्त निवेश निधि शामिल है।

उच्चायोग ने कहा कि”प्रधानमंत्री के शुक्रवार को नयी दिल्ली जाने पर वह इस सप्ताह की यात्रा का इस्तेमाल ऐतिहासिक ब्रिटेन-भारत मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत में प्रगति लाने के लिए करेंगे। इस समझौते से हमारा व्यापार और निवेश 2030 तक दोगुना होने की संभावना है।” उन्होंने कहा कि ”वार्ता दल अगले हफ्ते भारत में तीसरे दौर की औपचारिक वार्ता करेंगे।”

उच्चायोग ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ”आज हमारी सरकारें ब्रिटेन में निर्मित चिकित्सा उपकरणों के भारत में निर्यात को आसान बनाने के लिए नए कदमों की घोषणा करेंगी। इससे ब्रिटेन में नौकरियां बढेंगी और रेडकार आधारित माइक्रोपोर टेक्नोलॉजीस जैसी ब्रिटिश चिकित्सा प्रौद्योगिकी कंपनियों को भारत में अपने जीवनरक्षक उत्पाद बेचने के अवसर मिलेंगे, जिसका आयात बाजार 2.4 अरब पाउंड का है।”