राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले सशस्त्र पुलिस बलों के 36 जवानों ने आत्महत्या कर ली। छह साल में ऐसी कुल 433 घटनाएं हुयी हैं। आंकड़ों के अनुसार 6 साल के दौरान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के 433 कर्मियों ने आत्महत्या की। वर्ष 2018 में सबसे कम 28 ऐसे मामले दर्ज किए गए जबकि 2014 में सबसे ज्यादा 175 मामले सामने आए।
वर्ष 2017 में ऐसी घटनाओं की संख्या 60 थी जबकि 2016 में 74 और 2015 में 60 थी।
सीएपीएफ में कौन-कौन से फोर्स शामिल
गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आने वाले सीएपीएफ में सात केंद्रीय सुरक्षा बल शामिल हैं। इसमें असम राइफल्स के अलावा सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, सशस्त्र सीमा बल और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड शामिल हैं।
एनसीआरबी ने आत्मत्या का ब्योरा नहीं दिया
एनसीआरबी ने कहा कि एक जनवरी 2019 को सीएपीएफ में 9,23,800 कर्मी थे। ये बल सीमाओं की सुरक्षा के अलावा आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने तथा गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगाने में केंद्र और राज्य सरकारों की सहायता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एनसीआरबी ने आत्महत्या के मामलों का बल-वार ब्यौरा नहीं दिया।
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