क्या कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद लेंगे राजनीति से सन्यास?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जी-23 के सदस्य गुलाम नबी आजाद क्या राजनीति से संन्यास लेने जा रहे हैं? ये सवाल अचानक से मीडिया की सुर्खियां बनता नजर आने लगा है। क्योंकि रविवार को सिविल सोसायटी के एक कार्यक्रम में गुलाम नबी आजाद के द्वारा कुछ ऐसे ही संकेत दिये गए हैं।

हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर खुद के संन्यास की घोषणा तो अभी नहीं की, लेकिन उन्होंने कहा है कि ‘मैं कभी-कभी सोचता हूं कि इसमें कोई बड़ी बात नहीं है कि अचानक से किसी दिन आपको पता चले कि मैं संन्यास ले चुका हूं और मैं समाज सेवा करने लगा हूं।

गुलाम नबी आजाद ने सिविल सोसायटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने मंच से ही सिविल सोसायटी को भी नसीहत दी, तो साथ ही कांग्रेस समेत सभी पार्टियों पर सीधा हमला भी बोला। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों का काम रहेगा 24*7 बांटना। धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर। चाहे मेरी पार्टी (कांग्रेस) हो या कोई भी पार्टी। उन्होंने सिविल सोसायटी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि सिविल सोसायटी को समाज में बढ़ रही दूरियों को मिटाने के लिए पहल करनी होगी।


आचार्य कृपलानी और उनकी पत्नी का दिया उदाहरण।

गुलाम नबी आजाद ने आचार्य कृपलानी और उनकी पत्नी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि दोनों अलग पार्टियों में थे। दिन में वो अपनी पार्टियों के लिए काम करते थे, लेकिन जीवन को वो मिलकर चलाते थे। उन्होंने कहा कि हम शादी- पार्टियों या बड़े कार्यक्रमों के अलावा निजी तौर पर आपस में नहीं मिल सकते.? उन्होंने कहा कि अन्याय के खिलाफ मिल कर लड़ना होगा। उन्होंने गुर्जर लड़की के रेप-हत्या मामले का हवाला देते हुए कहा कि पूरे देश में लोग उस वारदात के खिलाफ खड़े हुए। ऐसा ही मुझे हमारा जम्मू चाहिए। जहां सभी लोग, सभी के सुख-दुख में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सिविल सोसायटी ऐसी ही होनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि कभी कभी मैं सोचता हूं कि कोई बड़ी बात नहीं कि अचानक आप सुनें कि हम रिटायर हो गए समाजसेवा में लग गए।

गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जी -23 गुट के अहम सदस्य गुलाम नबी आजाद कांग्रेस की 5 राज्यों में हार के बाद लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। जी -23 के नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पिछले दिनों मुलाकात भी की थी। इसके बाद उन्होंने मीडिया से रूबरू होने पर कहा था कि सोनिया गांधी से मिलना कोई खबर नहीं है। वह उनसे मिलते रहते हैं। गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि पार्टी प्रेसिडेंट की कोई जगह खाली नहीं है। जब चुनाव होगा तब पार्टी के कार्यकर्ता तय करेंगे कि कांग्रेस पार्टी का प्रेसिडेंट कौन बनेगा।