एक जाति विशेष के खिलाफ लगातार अपशब्दों का प्रयोग करना मांझी को पड़ा भारी।

बीते कई दिनों से बिहार के हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी एक जाति विशेष पर टिप्पणी कर अपनी राजनीतिक सफर को जिंदा रखने का प्रयास कर रहें हैं। मीडिया ,समाज और राज्य के जनता के बीच सुर्खियों में रहने के लिए ऐसे नेता विवादित बयान देने से भी नहीं कतराते हैं। एक जाति विशेष के खिलाफ बार-बार अपशब्दों का प्रयोग करने के आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के खिलाफ दाखिल किए गए चार शिकायती मुकदमों को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने एमपी-एमएलए की विशेष अदालत को सौंपने का आदेश दिया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विजय किशोर सिंह की अदालत में शुक्रवार को चारों मुकदमे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थे। मामला विधायक से संबंधित है, इसलिए सीजेएम ने एमपी-एमएलए के मुकदमों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत को भेजने का आदेश दिया। विशेष अदालत ने सुनवाई के लिए 5 जनवरी 2022 की तिथि तय की है। 21 दिसंबर को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में मांझी के खिलाफ चार शिकायती मुकदमे दाखिल किए गए थे।
आपको बता दें कि ये वही नेता हैं जो सामाजिक सौहार्द को कभी धर्म तो कभी जाति के नाम पर बिगाड़ने का काम करते हैं और भोली भाली जनता को जाति के नाम पर आपस में लड़ा कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते हैं। ऐसे सभी नेताओ से समाज के लोगो को सतर्क रहने की जरूरत है।हम एक हैं हम श्रेष्ठ हैं।