गोपालगंज में समाज सुधार अभियान में शामिल हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज गोपालगंज के मिंज स्टेडियम में बिहार में पूर्ण नशामुक्ति, दहेज प्रथा उन्मूलन एवं बाल विवाह मुक्ति हेतु समाज सुधार अभियान का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर आयोजित जनसभा को लेकर बने मंच पर जिलाधिकारी गोपालगंज ने पौधा एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। कार्यक्रम स्थल के समीप विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी एवं फोटो गैलरी का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया। कार्यक्रम के दौरान जीविका दीदियों ने बढ़ते कदम बढ़ते कदम गीत का गायन किया। एस०एस० बालिका उच्च विद्यालय गोपालगंज की छात्राओं द्वारा स्वागत गान किया गया। कार्यक्रम के अंत में जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बाला मुरुगन डी० एवं जीविका दीदी ने भी मुख्यमंत्री को मोमेंटो प्रदान कर उनका अभिनंदन किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में आप सबों की उपस्थिति के लिए धन्यवाद देता हूं। समाज सुधार अभियान चलाया जा रहा है। छह दीदियों ने अपने अनुभव को साझा किया। शराबबंदी, बाल विवाह, दहेज प्रथा को लेकर समाज सुधार अभियान जो चलाया जा रहा है, इसमें हमलोग सारी चीजों को लेकर चल रहे हैं। महिलाओं की मांग पर शराबबंदी लागू की गई। जननायक कर्पूरी ठाकुर जी जब वर्ष 1977 में मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने शराबंदी लागू किया था लेकिन दो वर्ष बाद फिर से शुरु कर दिया गया । हमारे मन में शराबबंदी की बात शुरु से थी लेकिन हमारे मन में यह आशंका थी कि शराबबंदी लागू कर पाएंगे कि नहीं। विकास के साथ-साथ हमलोग समाज सुधार के लिए भी काम कर रहे हैं। आपको पता है हमलोग शराब को लेकर वर्ष 2011 से अभियान चला रहे हैं। इसको क्रियान्वित करने को लेकर मेरे मन में शंका थी, लेकिन जब वर्ष 2015 में महिलाओं के एक सम्मेलन में मैं गया हुआ था, महिलाओं के विकास की बातें हो रही थीं। जुलाई महीना था, उसके तीन माह बाद चुनाव होना था। जैसे ही हम बोलकर बैठे कि पीछे से महिलाओं ने आवाज लगायी शराब बंद कराईये। उसके बाद वापस मैं माइक पर आया और कहा कि अगली बार काम करने का मौका मिलेगा तो शराबबंदी लागू करुंगा। चुनाव में जब हमलोगों को फिर से काम करने का मौका मिला तो सबसे पहले हमने 26 नवंबर को बैठक की और सब बातों को तय किया। विधानसभा और विधान परिषद के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से कानून पास हुआ। सभी सदस्यों ने इसके पक्ष में शपथ ली। 1 अप्रैल 2016 को पहले ग्रामीण इलाके में देशी और विदेशी शराब पर हमलोगों ने रोक लगायी, जबकि शहरी इलाकों में विदेशी शराब बंद नहीं की गयी थी। शहरों में महिलाओं, लड़कियां एवं पुरुषों ने शराब के आवंटित दुकानों के खोले जाने पर कड़ा विरोध जताया और दुकानों को खोलने नहीं दिया। उसके बाद हमने निर्णय लिया और 5 अप्रैल 2016 को राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गई। वर्ष 2016 में सभी नौ प्रमण्डलों में महिलाओं एवं जीविका दीदियों के साथ हमने बैठक की। निरंतर यह अभियान चल रहा है। एक जीविका समूह की महिला ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि पहले मेरे पति काम से लौटते थे तो दारू पीकर आते थे। परिवार में सभी को बुरा लगता था। देखने में भी वे खराब लगते थे। अब जब शराबबंदी हो गई तो घर आते समय वे बाजार से सब्जी, फल लेकर आते हैं और घर में आते हैं तो मुस्कुराते हैं। अब देखने में अच्छे लगते हैं, यह कितना बड़ा परिवर्तन हुआ है। समाज में कुछ लोग गड़बड़ करने वाले होते हैं। किसी मजहब, धर्म के मानने वाले लोग हों, कितना भी अच्छा काम कीजिएगा कुछ लोग तो गड़बड़ी करेंगे ही। शराबबंदी का कितना असर पड़ा है, आप खुद ही देख लीजिए । गड़बड़ शराब पीकर इसी गोपालगंज में लोग मरे थे। 9 गड़बड़ करने वालों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुना दी। आप सोच लीजिए गड़बड़ करेंगे तो क्या होगा? जो महिलाएं इस कारोबार में शामिल थीं उनको आजीवन कारावास की सजा हो गई। गड़बड़ करने वालों से सजग और सतर्क रहने की जरुरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब पीने वालों को समझना चाहिए कि शराब खराब चीज है। आप देख लीजिए इस शराब के पीने से कितने लोग मर गए। हम तो हमेशा इसके प्रति सजग रहते हैं। आपको सजग और सचेत रहने के लिए हमलोग अभियान चला रहे हैं। जीविका दीदियों से कहेंगे कि आज दीदियों ने जो बातें कहीं हैं अपने उत्थान के लिए जरूर उन बातों का ध्यान रखिये। समाज कितना आगे बढ़ रहा है। महिलाओं के उत्थान के लिए कितना काम किया जा रहा है। स्वयं सहायता समूह का यहां बहुत कम काम था। हमलोगों ने जीविका समूह को बनाया। वर्ष 2006 में मुजफ्फरपुर के 2-3 जगहों पर जाकर हमने इनके कार्यों को देखा था। स्वयं सहायता समूह बनाकर महिलाएं काम कर रही थीं। फिर हमने वर्ल्ड बैंक से कर्ज लेकर काम शुरु कराया। हमलोगों का 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य था अब तो 10 लाख के लक्ष्य को भी पूरा कर लिया गया है। बिहार में ही जीविका का नामकरण किया गया। इससे प्रभावित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने पूरे देश में आजीविका समूह के नाम से इसको शुरु किया, यह कितनी बड़ी बात है। आप अपने साथ पूरे समाज को आगे बढ़ा रही हैं। आपलोगों की मांग पर शराबबंदी लागू की गयी। मेरी आप सभी से अपील है कि अपने-अपने इलाकों में घूम-घूमकर जागरुकता अभियान चलाते रहिए। शराबबंदी के पक्ष में और बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चलाते रहिए। गड़बड़ी करने वाले शराब जो बेचते हैं और पीते हैं आपको नंबर बता दिया गया है। आग्रह है कि कोई गड़बड़ करता है तो भारी संख्या में चारो तरफ शराबबंदी के पक्ष में नारा लगाकर विरोध कीजिए। शराब इतनी बुरी चीज है इसके संबंध में सूचना विभाग द्वारा विज्ञापन के जरिए भी लोगों को जानकारी दी जा रही है, उस पर भी गौर कीजिएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूरी दुनिया का वर्ष 2016 में शराब पर आकलन किया, सर्वेक्षण कराया और 2018 में ही उसकी रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के अनुसार एक साल में शराब पीने से दुनिया में 30 लाख लोग मरते हैं। 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत मृत्यु जो होती है, उसमें शराब पीने के कारण होती है। शराब के सेवन से 200 प्रकार की बीमारियों को बढ़ावा मिलता है। कैंसर एवं टीबी जैसी बीमारियों को बढ़ाता है, जबकि 18 प्रतिशत लोग शराब पीने से आत्महत्या कर लेते हैं। शराब पीने के कारण 18 प्रतिशत आपसी झगड़े होते हैं। शराब पीने से दुनियाभर में 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। मिरगी के 13.5 प्रतिशत मामले शराब के सेवन से होते हैं। दुनिया में जितनी मृत्यु होती है उसका 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से होती है। शराब के सेवन से 48 प्रतिशत लोग लीवर की गंभीर बीमारी के शिकार होते हैं। माउथ कैंसर के कुल मामलों का 26 प्रतिशत शराब पीने के कारण होता है। पैंक्रियाज के 26 प्रतिशत, बड़ी आंत की बीमारी के 11 प्रतिशत मरीजों की शराब पीने से मौत होती है। ब्रेस्ट कैंसर के 5 प्रतिशत और टीबी के 20 प्रतिशत मामले शराब सेवन से होते हैं। बहुत लोग कहते हैं कि शराबबंदी के कारण पर्यटक बिहार नहीं आएंगे। कोरोना काल में इसमे थोड़ी कमी आयी लेकिन शराबबंदी के बाद 2 करोड़ से ज्यादा पर्यटक बिहार आए हैं। कोई कहता है कि नहीं पीएंगे तो बीमार हो जाएंगे, मैं कहता हूं कि नहीं पीओगे तो ठीक हो जाओगे। शराब के दुष्परिणामों के जो आंकड़े दिए गए हैं, उस पर सबलोग गौर कीजिए और हमारा आपलोगों से आग्रह है कि इसके बारे में सभी को बताएं। शराबबंदी के लिए निरंतर अभियान चलाते रहने की जरुरत है। बापू ने कहा था कि अगर एक घंटे के लिए भी मैं देश का तानाशाह बन जाउं तो सभी शराब की दुकानें बंद करवा दूंगा। बापू ने कहा था- शराब न सिर्फ आदमी का पैसा, बल्कि बुद्धि भी हर लेता है। शराब पीने वाला इंसान हैवान हो जाता है। बाल विवाह करने से तरह-तरह की परेशानी होती है, बेटियों की जिंदगी बर्बाद हो जाती है। जो बच्चे पैदा होते हैं वे कुपोषण के शिकार होते हैं। दहेज प्रथा और भी खराब है। कोरोना से सतर्क रहने की जरुरत है। दुनिया के विकसित देशों में यह एक बार फिर फैलने लगा है। सभी लोगों से आग्रह है कि प्रचार कीजिए की दहेज प्रथा बहुत खराब काम है। हमने कहा था कि निमंत्रण में लिखना होगा कि दहेजमुक्त शादी हो रही है तभी जाना है। जिस कार्ड पर दहेज मुक्त लिखा होगा उसी शादी में हम जाएंगे। समाज में एक-दूसरे की इज्जत का भाव रखना चाहिए। प्रेम-सौहार्द्र का भाव रखें। इससे ही समाज का विकास होगा। हमने वर्ष 2007 में साईकिल योजना चलायी। हर परिवार की लड़की को साइकिल दिया तो बच्चियों में कितना आत्मविश्वास पैदा हुआ। बाद में लड़कों को भी साईकिल दिया। मैट्रिक की परीक्षा में पिछली बार लड़कियों की संख्या लड़कों से 200-300 ज्यादा थीं। हम तो दिन रात आपकी सेवा करते ही रहते हैं। समाज सुधार अभियान सिर्फ मेरा काम नहीं बल्कि आपलोग मिल-जुलकर इसको चलाते रहिएगा। गांव में गाना गाकर सुनाईये, नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी। बापू के बारे में लोग जानें एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए। विकास का काम तो किया ही जा रहा है। अगर समाज सुधार नहीं तो विकास का कोई मतलब नहीं । गड़बड़ी करने वाले पुलिस और अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा, वे जेल जाऐंगे और उनपर कार्रवाई होगी। विकास के साथ समाज सुधार होगा तो समाज, राज्य और देश आगे बढ़ेगा। आपलोगों से उम्मीद करता हूं कि आप अपने गांव, इलाकों में जाकर इस अभियान को चलाईयेगा। आपने हाथ उठाकर संकल्प भी लिया इस बात के लिए आपलोगों

को हृदय से धन्यवाद देता हूं। कार्यक्रम को कृषि मंत्री सह गोपालगंज जिले के प्रभारी मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार, पर्यटन मंत्री सह सीवान जिले के प्रभारी मंत्री नारायण प्रसाद, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सह सारण जिले के प्रभारी मंत्री सुमित कुमार सिंह, खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम पुलिस महानिदेशक एस0के0 सिंघल, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव के०के० पाठक ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत सतत्

जीविकोपार्जन योजना की लाभार्थी रेणु देवी, राजमती देवी, बाल विवाह के दुष्परिणामों से सबक लेकर इस कुप्रथा के विरुद्ध सक्रिय गुड्डी देवी, दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज बुलंद करनेवाली सुनीता देवी, नशामुक्त समाज की दिशा में कार्यकरनेवाली इंद्रावती देवी सहित अन्य महिलाओं ने अपने-अपने अनुभवों को साझा किया। महिलाओं ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि नशाखोरी, बाल विवाह, दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ समाज सुधार अभियान चलाकर मुख्यमंत्री ने लोक कल्याण का कार्य किया है। इसके लिए हम सभी मुख्यमंत्री के आभारी हैं। सतत् जीविकोपार्जन योजना से न सिर्फ महिलाएं स्वावलंबी हुई हैं बल्कि परिवार की आमदनी भी बढ़ी है। समाज में महिलाओं का सम्मान बढ़ा है।

मुख्यमंत्री ने गोपालगंज, सारण एवं सीवान जिले के 10,878 स्वयं सहायता समूहों को बैंको के माध्यम से कराए गए कैश क्रेडिट लिमिट का 173 करोड़ 25 लाख 50 हजार का चेक प्रदान किया। सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत तीनों जिलों के 3,745 लाभार्थियों को 5 करोड़ 35 लाख रुपये की राशि और जल-जीवन- हरियाली अभियान के माध्यम से 6 नवसृजित सार्वजनिक जलाशयों के रखरखाव हेतु 14 लाख रुपए का चेक प्रदान किया । सड़क दुर्घटना में मृतक के आश्रित मीना देवी को 5 लाख रुपये की मुआवजा राशि का डमी चेक मुख्यमंत्री के कर कमलों द्वारा प्रदान किया गया ।

इस अवसर पर सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, सांसद डॉ० आलोक कुमार सुमन, सांसद कविता सिंह, विधायक जनक सिंह, विधायक अमरेंद्र कुमार पांडेय, विधायक कृष्ण कुमार मंटू विधान पार्षद बिरेंद्र नारायण यादव, विधान पार्षद आदित्य नारायण पांडेय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार, लघु जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव रवि मनुभाई परमार, सचिव गृह के० सेंथिल, सारण प्रमंडल के आयुक्त पूनम, परिवहन सह आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, सूचना एवं जन संपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बाला मुरुगन डी०, पुलिस उप महानिरीक्षक रविन्द्र कुमार, गोपालगंज जिले के जिलाधिकारी डॉ० नवल किशोर चौधरी, जिलाधिकारी सीवान अमित कुमार पाण्डेय, जिलाधिकारी सारण राजेश कुमार मीणा, पुलिस अधीक्षक गोपालगंज आनंद कुमार, पुलिस अधीक्षक सारण संतोष कुमार, पुलिस अधीक्षक सीवान शैलेश कुमार सिंह सहित अन्य वरीय पदाधिकारी, जीविका दीदियां एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।