संसद के दोनों सदनों से पास महिला आरक्षण विधेयक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद कानून बन गया। ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ जिसमे लोकसभा के साथ-साथ राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करता है। राज्यसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गयाहै। महिला आरक्षण विधेयक नए संसद भवन में पारित होने वाला पहला विधेयक बना है.. इसके साथ ही सरकार ने गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।
नई जनगणना और परिसीमन के बाद लागू किया जाएगा
अब इस बिल के कानून बन जाने से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। हालांकि, आरक्षण नई जनगणना और परिसीमन के बाद लागू किया जाएगा।अब ये बिल विधानसभाओं में भेजा जाएगा। इसे लागू होने के लिए देश की 50% विधानसभाओं में पास होना जरूरी है। लोकसभा में फिलहाल 82 महिला सांसद हैं, नारी शक्ति वंदन कानून के तहत लोकसभा में 181 महिला सांसद रहेंगी।
20 सितंबर को लोकसभा में बिल पर 7 घंटे चर्चा हुई। इसमें 60 सांसदों ने भाग लिया। शाम को पर्ची से हुई वोटिंग में बिल पास हो गया। समर्थन में 454 और विरोध में 2 वोट डले। 21 सितंबर को बिल पर राज्यसभा में चर्चा हुई। यहां बिल सर्वसम्मति से पास हो गया और किसी ने बिल के खिलाफ वोट नहीं दिया। हाउस में मौजूद सभी 214 सांसदों ने बिल का समर्थन किया था।
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