केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने अपने सांसद भतीजे चिराग पासवान (Chirag Paswan) पर दिवंगत रामविलास पासवान को आवंटित आवास से हाल में बेदखल किए जाने को मुद्दा बना कर इसका राजनीतिक फायदा उठाने का प्रयास करने का आरोप लगाया. रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने चिराग पासवान को 12ए जनपथ बंगला खाली करने से पहले छह नोटिस भेजा था. उन्होंने आरोप लगाया कि चिराग पासवान अब यह दावा कर के सहानुभूति बटोर रहे हैं कि बेदखली के दौरान रामविलास पासवान के सामान को विरूपित कर दिया गया.
पशुपति पारस ने दावा किया कि चिराग पासवान ने खुद बड़े साहब (रामविलास पासवान) की तस्वीरें सड़क के किनारे फेंकी थीं, और अब वो विलाप कर रहे हैं कि बेदखली को अंजाम देने वाले कर्मियों ने ऐसा किया. उन्होंने पूछा कि अगर ऐसा है तो वो अपना सारा सामान सुरक्षित रूप से कैसे ले गए, और बंगले के बाहर फेंकी गई चीजों में उनकी और उनकी मां का एक भी सामान क्यों नहीं था.
उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ चिराग पासवान के विद्रोह की ओर इशारा करते हुए कह कि अगर चिराग मर्यादा में रहते तो मुझे नहीं बल्कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता. पार्टी बरकरार रहती और वो खुशी-खुशी 12ए जनपथ में रह रहे होते.
मोकामा में मेरे काफिले पर जानलेवा हमले की रची गई थी साजिश
पारस ने यह भी आरोप लगाया कि चिराग पासवान ने पिछले शनिवार को पटना के मोकामा में रहते हुए उनपर जानलेवा हमले की साजिश रची थी. उन्होंने कहा कि जब वो दलित नेता बाबा चौहरमल की स्मृति में आयोजित एक समारोह के मार्ग से गुजर रहे थे तो उनके काफिले को चिराग के समर्थकों ने रोक दिया था और उन्हें काले झंडे दिखाए थे. चिराग भी उसी दिन मोकामा गए थे और एक जनसभा को संबोधित किया था.
बता दें कि रामविलास पासवान हाजीपुर लोकसभा सीट का कई बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. 2020 में रामविलास पासवान के निधन के बाद अब उनके छोटे भाई पशुपति कुमार पारस इस सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. पारस रामविलास पासवान के द्वारा स्थापित दल लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के वर्तमान में प्रमुख हैं. (भाषा से इनपुट)
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