बिहार सरकार के पर्यावरण सुधार की दिशा में बनाये गए नए कानून के तहत 14 दिसम्बर की आधी रात से सिंगल यूज प्लास्टिक की खरीद-बिक्री महंगी पड़ सकती है। पर्यावरण विभाग ने इस बात की जानकारी दी है कि राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है इसका अनुपालन नहीं करने पर भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई तय की जाएगी।
जनसंपर्क विभाग की ओर से बताया गया है कि 14 दिसंबर 2021 की मध्य रात्रि और इसके पश्चात सिंगल यूज़ वाले प्लास्टिक और थर्माकोल से बने सामग्रियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके आयात, विनिर्माण, परिवहन, वितरण और विक्रय करना दंडनीय अपराध होगा। विभाग द्वारा यह बताया गया है कि सिंगल यूज प्लास्टिक से बनने वाले सामान जैसे प्लास्टिक के कप, प्लेट, चम्मच, थर्माकोल के बने कप, कटोरी और प्लेट के अलावा प्लास्टिक से बने बैनर और ध्वज, प्लास्टिक के पानी पाउच जैसे सामानों की बिक्री नहीं होगी।
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अगर कोई इनका प्रयोग करते हुए पकड़ा जाता है तो उस व्यक्ति पर आईपीसी की धारा के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
5 साल की सजा हो सकती है सजा
पर्यावरण विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में इस बात की जानकारी दी गई है कि अगर इन नियमों का कोई भी व्यक्ति उल्लंघन करते हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इसके तहत 5 साल की जेल के साथ ही 1 लाख रुपये जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान लागू किया गया है। बता दें कि अन्य राज्यों में बहुत पहले ही प्लास्टिक बैन हो चुका है। उत्तर प्रदेश में भी प्लास्टिक बैन हो चुका है। यहां पर दुकानदार प्लास्टिक के बने कैरी बैग की जगह कॉकेट के बैग का इस्तेमाल करते हैं। दरअसल, प्लास्टिक के उपयोग से पर्यावरण खराब हो रहा है। खासकर मिट्टी की उपज शक्ति कम हो रही है।
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