दो मामलों में हुई लालू यादव की कोर्ट में पेशी, लालू बोले मैंने नही दिया कोई विवादित बयान….

किडनी के इलाज के लिए सिंगापुर जाने के लिए पासपोर्ट जारी करने को लेकर लालू प्रसाद यादव की अपील पर भले ही आज सुनवाई टल गई हो लेकिन उनपर दर्ज और दो मामलों के कारण लालू यादव की परेशानियां आज एक बार फिर बढ़ती नजर आई। लालू प्रसाद के साथ उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी MP-MLA कोर्ट के सामने हाजिर हुईं। लालू प्रसाद जिस मामले में कोर्ट के सामने पेश हुए वह मामला 12 साल पुराना धरना प्रदर्शन से जुड़ा है। इस मामले में उनके साथ राबड़ी देवी भी आरोपी हैं। धरना प्रदर्शन से जुड़े मामले के साथ ही लालू प्रसाद मानहानि के एक मामले में भी कोर्ट के सामने हाजिर हुए। धरना प्रदर्शन से जुड़ा मामला 2010 का है, जिसमें लालू प्रसाद और राबड़ी देवी ने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा।

वहीं दूसरे मामले में भी लालू प्रसाद इस कोर्ट के समक्ष ही पेश हुए। यह मामला मानहानि का है जिसमें लालू प्रसाद यादव की एक टिप्पणी पर भागलपुर के उदयकांत मिश्रा ने उनपर केस दर्ज कराया था।

विवादित बयान के लिए लालू पर दर्ज हुआ केस

दरअसल लालू प्रसाद यादव ने 10 सितम्बर 2017 को भागलपुर के सैंडिस कम्पाउंड में सार्वजनिक रूप से उदयकांत मिश्रा के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रिश्ते पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था नीतीश कुमार जब भी भागलपुर आते हैं तो वह उदयकांत मिश्रा के घर पर ही ठहरते हैं। इसके साथ ही लालू प्रसाद ने उदयकांत मिश्रा का नाम उस समय के चर्चित सृजन घोटाले से भी जोड़ दिया था। लालू प्रसाद के इस बयान पर आपत्ति जाहिर करते हुए उदयकांत मिश्रा ने मानहानि का केस दर्ज कराया था।

कोर्ट लालू ने कहा नहीं दिए थे विवादित बयान

उन्होंने कहा था कि शिक्षाविद् और समाज के सभी वर्गों से जान-पहचान होने के कारण उनके यहां सभी का आना-जाना रहता है। नीतीश कुमार से भी उनकी 35 वर्षों की पुरानी मित्रता है। इस वजह से सीएम जब भी भागलपुर आते हैं तो उनके घर उनकी मां से मिलने आते हैं। उदयकांत मिश्रा के द्वारा दर्ज कराए गए इस केस पर लालू प्रसाद से कोर्ट ने पूछा कि क्या उन्होंने ऐसी कोई विवादित टिप्पणी की थी, जिस पर लालू प्रसाद ने साफ कहा कि उन्होंने कभी भी ऐसा बयान नहीं दिया है।