‘नल-जल योजना’ पर ईडी की नजर, घोटाला हुआ है तो जल्द होगा खुलासा

बिहार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा ‘नल-जल योजना’ पर अब ईडी की नजर है। जल्द ही बिहार में ’नल-जल योजना’ से संबंधित हुए घोटाला सहित कई बड़े सरकारी प्रोजेक्ट में हुए घोटाला मामले में इनकम टैक्स की तफ्तीश रिपोर्ट को आधार बनाते हुए मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज कर सकती है।

गुरूवार को ईडी के हाथ लगे महत्वपूर्ण दस्तावेज

दरअसल गुरुवार को हुई इनकम टैक्स की छापेमारी के दौरान कई ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी और दस्तावेज इनकम टैक्स के तफ्तीश करने वाली टीम के हाथ लगे हैं. इससे ये प्रतीत होता है ये एक बहुत बड़ा घोटाला है और इसे साजिश के तहत कई बड़े ठेकेदारों और सरकारी अधिकारियों के आपसी मिलीभगत से अंजाम दिया गया है. इसके साथ ही शुरुवाती दौर की तफ्तीश में ये भी जानकारी इनकम टैक्स की टीम को प्राप्त हुई है कि करोड़ों रुपये के घोटाले का पैसा कई बड़े राजनीतिक हस्तियों के पास कमीशन के तौर पर गया था।

कमीशन के पैसों का चुनाव कार्यों का हुआ इस्तेमाल!

कमीशन के इसी लाखों-करोड़ों रुपये का इस्तेमाल चुनाव कार्यों में किया गया है. हालांकि ये अब तफ्तीश का मसला है लेकिन शुरुवाती इनपुट्स को देखकर ऐसा लगता है कि इस मामले में बिहार के कई नेताओं के साथ-साथ कई भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों पर जांच एजेंसी अपना शिकंजा कस सकती है. इनकम टैक्स के अधिकारी के मुताबिक ईडी के अधिकारी इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं और कुछ अधिकारी हमारे संपर्क में भी हैं, लिहाजा जल्द ही इस मामले को ईडी भी जल्द ही दर्ज कर सकती है।

क्या है पूरा मामला ?

छापेमारी के दौरान कई ऐसे दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जिससे ये पता चलता है कि बिना काम कराए ही मजदूरों की सैलरी का भुकतान और कई समानों की फर्जी ढुलाई से संबंधित फर्जी बिल बनाकर उसका पेमेंट किया गया है. करीब 10 करोड़ के फर्जी लोन लेकर कारोबार में लगाने और बाद में उसके भुगतान से भी संबंधित फर्जी बिल से जुड़े कई दस्तावेज इनकम टैक्स की टीम के हाथ लगे हैं. इसके साथ ही करीब 20 करोड़ के एक और ऐसे ही फर्जी बिल से जुड़े मसले की जानकारी और उसके दस्तावेज भी जांच कर्ताओं के हाथ लगे हैं, जिस ब्लैक मनी से कई शहरों में कई प्रोपर्टी खरीदी गई है।