सीएम नीतीश कुमार ने चली सियासी चाल, बिहार में जातीय जनगणना कराने का प्रस्ताव विधानसभा से पास

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव से पहले सभी ज्वलंत मुद्दे छिनकर विपक्ष की बोलती बंद करने में जुटे गए है. बजट सत्र के दौरान नीतीश कुमार ने बिहार में जातीय आधार पर जनगणना कराने के प्रस्ताव को सदन से पास करा लिया है. इसके पहले नीतीश कुमार ने बिहार में एनआरसी और एनपीआर लागू नहीं करने के प्रस्ताव विधानसभा से पारित करा लिया था. इसके बाद अब बिहार में विपक्षी पार्टियों को सरकार को घेरने की रणनीति फेल हो गई है.

आरजेडी ने उठाया था जातीय आधार पर जनगणना की मांग

आरजेडी ने हमेशा ही जातीय आधार पर जनगणना कराने की मांग उठाते रही है. इसको लेकर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद जातीय आधार पर जनगणना को लेकर कई बार सवाल उठा चुके हैं. वहीं नीतीश कुमार भी आरजेडी की मांगों से सहमति जताते हुए कहा था कि देशभर में जातीय आधारित जनगणना की जरूरत महसूस हो रही है. आरजेडी समेत सभी विपक्षी पार्टियों ने अपनी एजेंडा में जातीय आधारित जनगणना का प्रस्ताव शामिल था, जिसे सरकार ने पारित कराकर सभी विपक्षी पार्टियों से यह मुद्दा छिन लिया है.

सीएम ने रखा जातीय जनगणना का प्रस्ताव

बजट सत्र के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने गुरूवार को विधानसभा में जातीय जनगणना का प्रस्ताव रखा जिसके बाद बिहार विधानसभा ने जातीय आधार पर जनगणना कराने को लेकर प्रस्ताव पास कर दिया. 2021 में कास्ट के आधार पर जनगणना का प्रस्ताव सदन से पास किया गया है.

सीएम ने बीजेपी के मंसूबे पर फेरा पानी

इससे पहले विधानसभा से बिहार में एनआरसी लागू नहीं किए जाने का प्रस्ताव सदन से पास कराया गया था. विधानसभा से अचानक एनआरसी का प्रस्ताव पास कराए जाने के बाद बिहार की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गर्म है. और नीतीश कुमार के इस प्रस्ताव से बीजेपी का मंसूबा पर पानी फेर दिया था.