भारतीय वैज्ञानिकों ने 2 सप्ताह में शुरू करेंगे वैक्सीन का ट्रायल, 8 वैज्ञानिक दलों को मिली सफलता

कोरोना वायरस से पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है और इससे अबतक लाखों लोग अपनी जान गवां चूके है, लेकिन अभी तक इसका वैक्सीन तैयार नही हो पाया है। लेकिन राहत भरी खबर है वैक्सीन के लिए भारतीय वैज्ञानिकों का शोध अब जानवरों के ट्रायल के स्तर पर पहुंच चुका है। एक या दो सप्ताह में यह परीक्षण शुरू होगा। इसमें सफलता के बाद इसका इंसानों पर परीक्षण होगा। देश के सात से आठ वैज्ञानिक समूह वैक्सीन शोध में आगे चल रहे हैं। आधा दर्जन शैक्षणिक संस्थाओं के वैज्ञानिक भी वैक्सीन अध्ययन में जुटे हुए हैं।

सफलता के लिए 12 से 18 माह का लगेगा वक्त

भारतीय वैज्ञानिकों को पूर्ण सफलता के लिए 12 से 18 माह का वक्त लग सकता है। दुनियाभर में वैज्ञानिकों के 75 दल वैक्सीन में जुटे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वैक्सीन किसी भी देश में बने, इसका उत्पादन भारत में ही किया जाएगा। जानकारी के अनुसार भारत बायॉटेक, कैडिला, सीरम इंस्टीट्यूट सहित कुछ कंपनियों के वैज्ञानिक जानवरों के ट्रायल तक पहुंच चुके हैं।

PM के निर्देश पर शुरू हुआ शोध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर देश में शुरू हुए शोधों की निगरानी जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप  कर रही हैं। वायरस के प्रजनन पर भी चल रहा शोध मंत्रालय के अनुसार कोरोना पर भारत में अध्ययन शुरू हो चुका है। वायरस शरीर में जाने के बाद तेजी से अन्य वायरस उत्पन्न करता है और कई गुना होकर फैलने लगते हैं।

दो साल पहले बना था समूह

एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया, करीब दो वर्ष पहले दुनियाभर के औद्योगिक व शैक्षणिक वैज्ञानिकों का एक समूह बना गया था, जिसमें भारत की भागीदारी भी है। इस तरह महामारी के आने पर इस्तेमाल वैक्सीन की तैयारी पर भी काम किया जा रहा था।

वैक्सीन के लिए IIT गुवाहाटी ने किया करार

कोरोना की वैक्सीन के लिए आईआईटी गुवाहाटी ने अहमदाबाद की बायोसाइंसेज कंपनी हेस्टर के साथ करार किया है। साल के अंत तक जानवरों पर इसका ट्रायल शुरू हो जाएगा। वैक्सीन के लिए रीकॉम्बिनेंट एवियन पैरामाइक्सोवायरस-1 पर काम होगी जिसमें सार्स-कोविड-2 का प्रोटीन होगा।

शोध में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भी शामिल

इस शोध में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भी शामिल है। सीरम दुनिया में वैक्सीन की सबसे बड़ी आपूर्तिकर्ता है। सीरम में ही वैक्सीन का उत्पादन होगा।