
JNU के पूर्ववर्ती छात्र शरजील इमाम की मुश्किलें और बढ़ गयी है। दिल्ली पुलिस ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पास पिछले साल दिसंबर में हुए हिंसक प्रदर्शन के सिलसिले में जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि कानून लगाया है. शरजील की वकील मिशिका सिंह ने बताया कि शरजील के खिलाफ मामले में यूएपीए की धारा-13 (गैर कानूनी गतिविधि) के तहत आरोप जोड़े गये. इससे पहले, पुलिस ने शरजील के खिलाफ देशद्रोह का आरोप दर्ज किया था.
शरजील पर हिंसा भड़काने के आरोप
दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त प्रवक्ता अनिल मित्तल ने बताया कि उसे जामिया में 13 और 15 दिसंबर 2019 को हुई हिंसा के दो मामलों में गिरफ्तार किया गया है. उस पर 13 दिसंबर के अपने भाषण के जरिये हिंसा भड़काने के आरोप हैं. एकत्र किये गये साक्ष्यों के आधार पर आईपीसी की धारा 124 ए और 153 ए भी लगायी गयी है. पुलिस ने अपने पूरक आरोपपत्र में कहा है कि सीएए के खिलाफ पिछले साल 15 दिसंबर को जामिया छात्रों द्वारा आयोजित एक विरोध मार्च के परिणामस्वरूप हिंसा भड़की थी।
शरजील की बिहार के जहानाबाद से 28 जनवरी को हुई थी गिरफ्तारी
.पुलिस ने मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत में दाखिल अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा है कि भीड़ ने बड़े पैमाने पर हिंसा की, जिस दौरान कई सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को नष्ट कर दिया गया, जबकि कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए. इस सिलसिले में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी और जामिया नगर पुलिस थाने में मामले दर्ज किये गये. शरजील को बिहार के जहानाबाद जिले से 28 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस ने जामिया परिसर में भड़काऊ भाषण देने को लेकर भी उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है. उसके खिलाफ असम में आतंकरोधी कानून के तहत एक मामला दर्ज किया गया है. मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश ने भी उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. दरअसल, उसने कथित तौर पर असम और शेष पूर्वोत्तर को देश से अलग करने की धमकी दी थी
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