राहत की खबरः संकटमोचक साबित हो रही हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन, जिन्हें दवा दी, उन्हें खतरा कम, दिल्ली के तीन अस्पतालों में हुआ प्रयोग

भारतीय आयुर्विज्ञान शोध परिषद-आईसीएमआर द्वारा गठित नेशनल टास्क फोर्स ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के इस्तेमाल को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।  इसमें कोरोना संक्रमण के कारण हाई रिस्क मरीजों के बचाव के लिए इस दवा के इस्तेमाल की स्वीकृति दी गई है, इसमें कहा गया है केवल डाक्टर पैरा मेडिकल स्टॉफ और जिन्हें टेस्ट में इस संक्रमण की पुष्टि हुई है वे ही इसका इस्तेमाल करें।

हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन लेने से कोरोना संक्रमण की संभावना कम

आईसीएमआर ने कहा है कि उसके शोध में यह आया है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन लेने से कोरोना संक्रमण की संभावना कम हो जाती है। हाल ही में एक शोध में पाया गया था कि  इस दवाई का कोरोना के संक्रमण को रोकने में कोई कारगर प्रभाव नहीं है बल्कि इससे रोगियों में हार्टअटैक का खतरा बढ़ जाता है। आईसीएमआर ने अमूमन मलेरिया के उपचार के दौरान इस्तेमाल में आने वाले हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के प्रयोग के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

दिल्ली के तीन अस्पतालों में हुआ प्रयोग

इसमें  बताया गया कि शोध संस्थान ने दिल्ली के तीन केंद्र सरकार के अधीन आने वाले अस्पतालों में इसके प्रयोग पर शोध किया है। इसमें जांच के दौरान  हेल्थ वर्कर, जो कि कोरोना संक्रमणवाले मरीजों की देखभाल कर रहे थे।  जिनकों बचाव के लिए एचसीक्यू दिया गया था।  उनमें कोरोना संक्रमण की संभावना काफी कम  रही।

एम्स के 334 स्वास्थकर्मियों पर की गई

वहीं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान  संस्थान-एम्स के 334 स्वास्थकर्मियों पर की गई। इसमें पाया गया जिन स्वास्थकर्मियों ने औसतन छह सप्ताह तक  इस दवाई का सेवन प्रतिबंधक के तौर पर किया। उनमें संक्रमण की संभावनाएं दवा न लेने वालों की तुलना में काफी कम है

थाईलैंड को वैक्सीन को लेकर मिली शुरुआती सफलता

थाईलैंड ने वैक्सीन को लेकर थोड़ी बहुत उम्मीद जगाई है. थाईलैंड अब वैक्सीन ट्रायल के अगले चरण में पहुंच गया है.रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, थाईलैंड के इस प्रोजेक्ट को शुरुआती सफलता मिली है और चूहों पर इसका सकारात्मक असर दिखा है. अब बंदरों पर इस वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो चुका है. यहां तक कि थाईलैंड ने कह दिया है कि छह से सात माह में कोरोना की वैक्सीन बनाई जा सकती है.

सितंबर में ‘स्पष्ट परिणाम’ आने की उम्मीद

थाईलैंड के उच्च शिक्षा, विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार मंत्री सुवत मैसेंसे ने कहा कि चूहों पर परीक्षण के बाद, शोधकर्ता वैक्सीन के परीक्षण के लिए अगले पड़ाव की ओर हैं. उन्होंने कहा कि सितंबर तक तीन खुराकों पर काम किया जा रहा है और सितंबर में ‘स्पष्ट परिणाम’ आने की उम्मीद है.